नई दिल्ली20 मिनट पहले
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पिछले कुछ समय से शेयर मार्केट में काफी तेजी देखने को मिल रही है। इस दौरान शेयर बाजार ने कई बार अपना ऑल टाइम हाई भी बनाया है। ऐसे में लोगों में स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने की दिलचस्पी बढ़ी है।
लेकिन मार्केट में सीधे निवेश का मतलब है, रिस्क। ऐसे में बाजार के उतार-चढ़ाव को देखकर लोगों में अभी भी रिस्क टेकिंग कैपिसिटी की कमी है। इसलिए यहां हम आपको मिनिमम रिस्क में बेहतर रिटर्न देने वाले बैलेंस्ड एडवांटेज फंड और मल्टी कैप फंड में निवेश के बारे में बता रहे हैं।
1. बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश
इसे डायनेमिक एसेट एलॉकेशन म्यूचुअल फंड भी कहा जाता है। जैसा की नाम से ही साफ है कि इस कैटेगरी में आपके फंड का एलॉकेशन डायनेमिक तरीके से किया जाता है। ये म्यूचुअल फंड स्टॉक और डेट/बॉन्ड दोनों में निवेश करते हैं।
डेट और स्टॉक के बीच फंड का एलोकेशन मार्केट के कंडीशन के हिसाब से बदलता रहता है। इसमें आपके फंड को एक जगह ना रख कर मार्केट की चाल के अनुसार अलग-अलग स्टॉक्स या फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स में इन्वेस्ट किया जाता है।

2. मल्टी कैप फंड में निवेश
यहां निवेश करने पर आपको एक बैलेंस तरीके से 3 मार्केट कैप (स्मॉल,मिड और लार्ज कैप) में इन्वेस्टमेंट का फायदा मिल सकता है। मल्टी कैप फंड्स ने बीते 5 वर्षों में सालाना आधार पर औसतन करीब 28% और तीन साल में 31.01% सालाना के हिसाब से रिटर्न दिया है।
हालांकि यह मार्केट और आपके इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी के अनुसार कम या ज्यादा भी हो सकता है। मल्टी कैप म्यूचुअल फंड में आप मिनिमम 100 रुपए से निवेश शुरू कर सकते हैं।
मल्टीकैप फंड ने तीन साल में 31.01% का औसत रिटर्न दिया है
मल्टी कैप फंड | 3 साल में रिटर्न | 5 साल में रिटर्न |
निप्पॉन इंडिया | 30.79% | 28.24% |
महिंद्रा मनुलाइफ | 26.33 % | 27.87% |
ICICI प्रूडेंशियल | 25.21% | 24.07% |
क्वांट एक्टिव फंड | 25.00% | 31.28% |
इनवेस्को इंडिया | 22.72% | 23.56% |
सोर्स : ET मनी
क्या है मल्टी कैप फंड?
मल्टी कैप फंड, डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड होते हैं। यानी स्मॉल कैप, मिड कैप और लार्ज कैप का एक ‘पैकेज’ फंड। इसमें सिंगल फंड के जरिए आप एक साथ सभी साइज और सेक्टर की कंपनियों में इन्वेस्ट करते हैं। हाल में ये म्यूचुअल फंड स्कीम काफी पॉपुलर हुआ है।
क्या होती हैं स्मॉल कैप, मिड कैप और लार्ज कैप कंपनियां?
मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी मार्केट वैल्यू के हिसाब के देश की सभी कंपनियों को 3 कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें जिन कंपनियों का मार्केट कैप 20 हजार करोड़ रुपए या इससे ज्यादा होता है, उन्हें लार्ज कैप जिनकी वैल्यू 20 हजार करोड़ रुपए से कम लेकिन 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा होती है, उन्हें मिड कैप कंपनी कहा जाता है।
जबकि स्मॉल कैप कंपनियां वैसी कंपनियां है जिनकी वैल्यूएशन 5 हजार करोड़ से कम होती है।आमतौर पर मार्केट कैप के लिहाज से टॉप 100 कंपनियां लार्ज कैप, 100-250 तक मिड कैप और इसके बाद की सभी कंपनियां स्मॉल कैप कंपनियां होती हैं।

