विशाल कुमार/ छपरा. कोई भी धंधा छोटा या बड़ा नहीं होता है. बस उसे शिद्दत क से करने की जरूरत होती है ताकि धंधे से मुनाफा कमाया जा सके. कुछ ऐसे भी धंधे होते हैं, जिसको लोग अपने इर्द-गिर्द रोज देखते हैं, लेकिन उसके बारे में सोचते नहीं हैं. एक टोटका भी कमाई का जरिया कैसे बन सकता है, बिहार के वैशाली के रहने वाले एक युवा ने कुछ ऐसा ही किया है. उन्होंने देखा कि शहर की अधिकांश दुकानों या प्रतिष्ठानों के एंट्री प्वाइंट पर काले धागे से बंधे नीबूं और मिर्च लटका रहता है. बता दें कि दुकानदार इसको इसलिए लगाते हैं कि उनके धंधे पर किसी की बुरी साया ना पड़े.
हालांकि इसकी चर्चा इसलिए कर रहे हैं कि वैशाली जिला के एक शख्स ने इस चीज का काम करने लगे, वो पिछले 17 सालों से दुकान में नीबूं- मिर्च का धागा बांध रहे है. जिसके बदले में उनकी हर महीने 50 हजार से अधिक की कमाई हो रही है. इस काम को वो महीने में केवल 13 दिन करते है. इस शख्स का नाम सचिन कुमार मालाकार है और वैशाली से आकर छपरा में यह काम कर रहे है.
सचिन महीने में 12 दिन माला लटकाने का करते हैं काम
सचिन कुमार मालाकार का पैसा कमाने का आईडिया अनोखा है. काले कपड़े में कागजी नींबू, लहसुन और मिर्च को काले धागे में गूथकर माला बनाकर सचिन दुकान में लटकाने का काम करते है. सचिन एक पीस माला का सिर्फ 10 रूपए लेते हैं और 17 वर्षो से यहीं काम कर रहे हैं. सचिन ने बताया कि छपरा के अलग-अलग मार्केट में जाकर दुकानों में माला लटकाने का काम करते हैं. महीने में सिर्फ 12 दिन हीं काम करते हैं.
सचिन ने बताया कि छपरा शहर में शनिवार को 950 दुकान में माला लटकाते हैं. इसके अलावा मंगलवार को एकमा और गुरूवार को दाउदपुर के दुकानों में माला लटकाने काम काम करते हैं. उन्होंने बताया कि एकमा के 1500 और दाउदपुर के 1700 दुकानों में माला लटकाते हैं. सचिन ने बाताया कि यह माला एक टोटका के समान है और दुकानदार मानते हैं कि इस माला के दुकान में लटके रहने से धंधे में बरक्कत आता है. कुछ लोगों का मानना है कि इससे बुरी नजर नहीं लगता है.
50 हजार से अधिक हर माह कर लेते हैं कमाई
सचिन कुमार मालाकार ने बताया कि फूल का कारोबार हमारे पूर्वज भी करते थे. यह हमारा पुस्तैनी धंधा है. हालांकि कुछ कम खर्च में कुछ हटकर करने की सोची तो यह माला लटकाने वाला धंधा सही लगा. इसके बाद वैशाली से छपरा आए गए. पहले छपरा से शुरूआत की और अब यह धंधा इतना फैल गया कि दुकान में माला लटकाते-लटकाते थक जाते हैं और सुबह से शाम हो जाती है. वहीं एक माला का मात्र 10 रूपए लेते हैं. एक महीने में 12 दिन लगभग चार हजार दुकानों में माला लटकाते हैं. इससे हर माह 50 हजार से अधिक की कमाई हो जाती है. मंगलवार, गुरूवार और शनिवार को माला लटकाने का काम करते हैं. सचिन ने बताया कि माला लटकाने का यह आईडिया घर चलाने में मददगार साबित हो रहा है.
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FIRST PUBLISHED : January 16, 2024, 14:26 IST