कमाल की सोच! खाली बैठने की बजाय.. महिलाओं ने चुना ये काम, रोज कमा लेती हैं…

राजकुमार सिंह/वैशाली. बिहार की महिलाएं भी घर पर बैठने के बजाय खुद को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही हैं. छोटे-छोटे धंधे शुरू कर महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं. बिहार के वैशाली जिले में भी महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. जिला के सदर प्रखंड अंतर्गत मीनापुर गांव की महिलाएं एक साथ मिलकर अनंत बनाती हैं. इनके हाथ से बने अनंत की सप्लाई पूरे बिहार में होती है. मीनापुर गांव की 30 से अधिक महिलाएं एक साथ बैठकर रोजाना 5000 से अधिक अनंत बना लेती हैं. महिलाएं खुदरा भाव में बेचने के बजाय होलसेल में इसकी बिक्री करती हैं.

लीला देवी ने बताया कि गांव की महिलाएं सुबह 10 बजे से ही काम पर लग जाती हैं और शाम 4 बजे तक लगातार अनंत बनाती रहती हैं. शाम होते ही अपने घर चली जाती हैं. यह वैसी महिलाएं हैं जो घर का सारा काम खत्म करने के बाद अनंत बनाने के लिए आती हैं. रात में भी घर का सारा काम खत्म करने के एक या दो घंटे अनंत बनाती हैं. इन महिलाओं को अनंत बनाने में महारत हासिल हो गई है. गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं, इसलिए सुबह से रात तक मेहनत करती हैं. प्रत्येक महिला रोजाना 200 से अधिक अनंत तैयार कर लेती हैं. साथ ही रोजाना 500 से 600 रुपए तक कमा भी लेती हैं.

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सावन में अनंत की होती है जबरदस्त बिक्री
लीला देवी ने बताया कि सभी मिलकर पिछले 1 साल से अनंत बनाकर पटना में सप्लाई कर रहे हैं. सावन में अनंत की जबरदस्त बिक्री होती है. इसी को ध्यान में रखकर अनंत बनाने का काम चलता रहता है. सावन के दौरान व्यापारी घर पर आकर अनंत ले जाते हैं. यहां से अनंत लेकर पटना, दिल्ली, कोलकाता सहित अन्य शहरों में भेजते हैं. साल भर काम चलने से ये फायदा होता है कि महिलाओं को रोजाना आमदनी हो जाती है. वहीं मुन्नी देवी ने बताया कि शादी के बाद जब ससुराल पहुंचे तो यहां सभी को अनंत बनाते देखा. इसके बाद सीख कर अनंत बनाने लगे. इससे रोजाना आमदनी हो रही है.

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