आशुतोष तिवारी/रीवा: बहुत लोगों को पेड़-पौधे लगाने और बागवानी का शौक होता है. लेकिन, पौधों की देखभाल आसान नहीं होती. खासकर ऐसे पौधे जो बहुत महंगे होते हैं. समय की कमी के कारण कई बार पौधों की प्रॉपर मॉनिटरिंग नहीं हो पाती. ऐसे में रीवा वन विभाग के द्वारा इन दिनों एक ऐसा नवाचार शुरू किया गया है, जिसके तहत पौधों की जरूरतों का पता लगाया जा सकता है. जरूरत के हिसाब से पौधों को पानी दिया जा सकता है. इससे पौधों को जीवित रखने में मदद मिलती है.
ऐप के माध्यम से होती है निगरानी
रीवा वन विभाग द्वारा ऐप के माध्यम से पौधों की निगरानी की जा रही है. रीवा वन विभाग देश में पहला ऐसा है, जहां पौधों की स्मार्ट मॉनिटरिंग के लिए पौधों में डिवाइस लगाया गया है. डीएफओ अनुपम शर्मा ने बताया कि पौधारोपण के बाद सबसे बड़ी चुनौती पौधों को जीवित रखने की होती है. सही समय में उचित मात्रा में पानी की सिंचाई से पौधे जीवित रहते हैं. लेकिन, अत्यधिक पानी, अत्यधिक सूखा या अधिक देरी पर पानी देना पौधों के लिए कभी-कभी नुकसानदेह भी होती है. इस डिवाइस की मदद से हमें पौधों की जरूरतों के विषय में जानकारी मिलती है. इसे आईओटी सेंसर कहते हैं.
सेंसर आधारित स्मार्ट प्लांटेशन
पौधारोपण के बाद मिट्टी की नमी की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए भी सेंसर आधारित स्मार्ट प्लांटेशन उपयोगी है. यह मिट्टी की गुणवत्ता को भी बताता है. खास बात ये कि यह डिवाइस ऊर्जा से संचालित है. सेंसर द्वारा पौधों के विषय में एकत्र की गई जानकारी कभी किसी भी समय ऐप में देखी जा सकती है. चंदन, सागौन, शीशम जैसे महंगे पौधे यदि लगाए जाते हैं तो उनको जीवित रखने के लिए ये डिवाइस बेहद महत्वपूर्ण है. इसकी मदद से कोई भी व्यक्ति अपने बेशकीमती पौधों को जीवित रख अच्छा मुनाफा कमा सकता है.
.
Tags: Agriculture, Mp news, Plantation, Rewa News
FIRST PUBLISHED : February 25, 2024, 17:20 IST