कभी नक्सलियों का गढ़ था यह गांव, अब इस खेती से इलाके की बन रही अलग पहचान

रुपांशु चौधरी/हजारीबाग.हजारीबाग एक कृषि प्रधान जिला है. जिले के दो तिहाई लोग कृषि पर ही निर्भर हैं. इसके साथ ही कृषि से ही अपना जीवकोपार्जन करते हैं. पूर्व के समय में जिले के कई क्षेत्र नक्सल प्रभावित क्षेत्र थे. ऐसा ही कभी नक्सलियों का गढ़ रहा कटकम दाग प्रखंड का अडरा गांव. अब अपनी कृषि उत्पादों के लिए दूर-दूर तक जाना जाता है. गांव के प्रगतिशील किसान नए टेक्नोलॉजी से कई प्रकार के खेती कर रहे हैं. इसमें मुख्य रूप से स्ट्रॉबेरी की खेती की जा रही है.

अडरा गांव में स्ट्रॉबेरी उगाने वाले किसान संजीत कुमार ने कहा कि अडरा गांव पूर्व के समय में नक्सलीयों का गढ़ हुआ करता था. यहां  शाम होने के बाद नक्सली घरों के दरवाजे खटखटाकर घरों में खाने बनाने के लिए बोला करते थे. शाम होने के बाद लोग घरों से बाहर निकलने से भी डरते थे. लेकिन अभी के समय में यहां वृहद रूप से खेती की जा रही है. सर्दियों के मौसम के आगमन के साथ गांव के कई किसान अपने खेतों में स्ट्रॉबेरी लगाते है.जिसकी खरीद करने झारखंड सहित बाहर के राज्य के लोग भी यहां आते है.

गांव को मिली एक अलग पहचान
संजीत बताया कि इस बार वो खुद से स्ट्रॉबेरी के बीज को तैयार किए हैं. इससे उनका अधिक मुनाफा होता है. लेकिन, मौसम की मार से स्ट्रॉबेरी की उपज पिछले सालो की तुलना इस वर्ष कम आई है. इस गांव के अधिकांश किसान उन्नत तकनीक जैसे पॉली हाउस, ड्रिप इरिगेशन, गोबर खाद यदि का इस्तेमाल करते है. जिस कारण अच्छी फसल आती है और बाजार में इसका रेट भी अधिक मिलता है. यहां कृषि और खास कर स्ट्रॉबेरी की खेती ने इस गांव को एक अलग ही पहचान दी.

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