कभी दुकान में बेचते थे स्ट्राबेरी, अब खेती से प्रति एकड़ 8 लाख की आय, जानें कै

कुंदन कुमार/गया. कभी दिल्ली की दुकान पर स्ट्राबेरी बेचा करते थे. फिर मन में इसके उत्पादन का विचार आया. पहली बार में घाटा हुआ लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हारी. अब 2 एकड़ से 16 लाख की आमदनी हो रही है. यह कहानी है गया के सुनील कुमार की. उन्होंने कहा कि परंपरागत फसलों की खेती में किसान हर साल भारी नुकसान झेल रहे हैं. कभी बारिश तो कभी सूखे का मार का असर किसानों पर पड़ रहा है. किसान को भारी नुकसान से बचने के लिए नई फसलों की तरफ रुख करना चाहिए. अब किसान स्ट्रॉबेरी की फसलों में भी दिलचस्पी दिखाना शुरू कर दिए हैं. स्ट्राबेरी की खेती एक ऐसी खेती है जो किसानों को अच्छी आय दे सकती है.

यहां से शुरू हुआ सफर
बिहार के गया जिले में भी स्ट्रॉबेरी की खेती का रकबा बढ़ रहा है. जिले के कोच प्रखंड क्षेत्र के रहने वाले किसान सुनील कुमार ने 2 एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रखी है. सुनिल पिछले 2 साल से इसकी खेती कर रहे हैं. इससे इन्हें प्रति एकड़ 7-8 लाख रुपए की आय हो जाती है. इससे पहले सुनील उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में स्ट्रॉबेरी की खेती करते थे लेकिन लॉकडाउन में इन्हें काफी नुकसान हो गया था. जिसके बाद पूरे परिवार के साथ अपने गांव लौट आये और 1 साल तक ऐसे ही बैठे रहे. फिर पंचानपुर के समीप पडरिया गांव में 2 एकड़ जमीन लीज पर लेकर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू कर दी.

स्ट्रॉबेरी को जमशेदपुर और कोलकाता भेजते हैं
पिछले वर्ष सुनील को इतने ही खेती में लगभग 10 लाख रुपए की आमदनी हुई थी. इस बार फिर इन्होंने दो एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रखी है. अभी तक 2 लाख रुपए का स्ट्रॉबेरी बेच चुके हैं. गया के लोकल मार्केट के अलावे सुनील स्ट्रॉबेरी को जमशेदपुर और कोलकाता भेजते हैं. अभी 500-600 रुपया प्रति ट्रे इसकी कीमत बाजारों में चल रही है. महाराष्ट्र के पुणे से लगभग 35 हजार पौधा मंगवाया है. लगभग 4 से 5 लाख रुपया की लागत अभी तक आ चुकी है.

सितंबर-अक्टूबर महीने में इसके पौधे को लगाया जाता है. नवंबर महीने से इसमें फल आना शुरू हो जाता है. लगभग 6 महीने की यह खेती होती है. मार्च महीने तक फल आता है. स्ट्राबेरी की खेती में कृषि विभाग का सहयोग भी इन्हें मिलता है.

पहली बार हुआ नुकसान
लोकल 18 से बात करते हुए सुनील कुमार बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी की खेती से पहले दिल्ली के एक दुकान में काम करता था. वहां स्ट्रॉबेरी बेचा करता था. वहीं इसकी खेती करने का विचार आया. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में इसकी खेती करना शुरू कर दिए. लेकिन लॉकडाउन में स्ट्रॉबेरी की बिक्री नहीं होने के कारण काफी नुकसान हो गया.

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इसके बाद वहां से पूरे परिवार को साथ लेकर गांव चले आए. फिर लीज पर जमीन लेकर 2 एकड़ में इसकी खेती पिछले साल से शुरू कर दिया और प्रति एकड़ लगभग 8 लाख रुपए की आमदनी हो जाती है.

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