Naresh Goyal :कभी देश के टॉप अमीरों की लिस्ट में शामिल रहने वाले नरेश गोयल आसमान का किंग हुआ करते थे. आज उनकी हालात ऐसी हो गई है, कि पहचान पाना भी मुश्किल है. सोशल मीडिया पर नरेश गोयल की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें उनकी दयनीय हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है. केनरा बैंक स्कैम मामले में मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद नरेश गोयल जब कोर्ट के आदेश पर अपनी बीमार पत्नी को देखने जेल से बाहर आए तो उन्हें देखकर लोगों को यकीन नहीं हो पा रहा था.
जेल में मरने की गुहार
प्रवर्तन निदेशालय ने नरेश गोयल को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है. बीमारी पत्नी को देखने के लिए गोयल ने कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई थी. 6 जनवरी को स्पेशल कोर्ट के सामने पेशी के दौरान गोयल भावुक हो उठे. उनकी आंखों में आंसू थे और वो कोर्ट के सामने बेबस दिखे. उन्होंने कहा कि वो मैं जिंदगी की हर उम्मीद छोड़ चुके हैं और चाहते हैं कि जेल में ही उन्हें मौत आ जाए.
कैसे बर्बाद हुआ गोयल का साम्राज्य
कभी ट्रैवल एजेंट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करने वाले नरेश गोयल ने पंजाब से दिल्ली का सफर किया. 300 रुपये की सैलरी वाले गोयल ने बड़े सपने देखें और अपने दम पर करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया. जेट एयरवेज की शुरुआत के साथ ही प्रतिद्वंदी एयरलाइंस के लिए चुनौतियां शुरू हो गई. किफायती दर पर हवाई सफर करवाने वाली जेट एयरवेज को गोयल ने अपनी गलतियों और ‘मैं’ के घमंड में डूबा दिया.
1 रुपये के फेर में बर्बाद हुआ जेट एयरवेज
दिल्ली के कनॉट प्लेस में ट्रैवल एजेंट के तौर पर काम करने वाले नरेश गोयल ने साल 1993 में पत्नी के साथ मिलकर जेट एयरवेज की शुरुआत की. कम कीमत पर हवाई सफर का मौका देने वाली एयरलाइन जल्द ही लोगों की पहली पसंद बन गई. लेकिन नरेश गोयल के एक फैसले ने उसे डूबा दिया. इंडियो से प्रतिस्पर्धा के चक्कर में नरेश गोयल ने अपनी कंपनी के लिए बर्बादी का फैसला ले लिया. हैरानी होगी कि सिर्फ 1 रुपये के चक्कर में करोड़ों की एयरलाइन कंपनी डूब गई. दरअसल इंडिगो के मुकाबले जेट एयरवेज का किराया एक रुपये प्रति किलोमीटर अधिक था। साल 2015 में नरेश गोयल ने इस अंतर के खत्म करने के लिए टिकट के दाम घटा दिए. ये फैसला एयरलाइन के लिए खतरनाक साबित हुआ. कंपनी को अपनों खर्चों के लिए लोन लेना पड़ा.
‘मैं’ के घमंड से जेट एयरवेज का सफर खत्म
कमाई पर असर पड़ा तो कंपनी कर्ज के बोझ में डूबती चली गई. वहीं इंडिगो ने जेट एयरवेज को पछाड़ने के लिए अपने ऑपरेशन्स को 2.5 गुना बढ़ा दिया. वहीं सितंबर 2017 में ईंधन की कीमतों में तेजी के कारण कंपनी पूरी तरह से टूट गई. कर्ज पहले से था, ऊपर से ईंधन का बढ़ता बोझ. जेट एयरवेज सह नहीं पाई और कंपनी दिवालिया हो गई. नरेश गोयल के भीतर ‘मैं’ का घमंड था. वो अपने हर फैसले को ही सही मानते थे. अपने लोगों की सलाह भी उन्हें पसंद नहीं आती. इस मैं के घमंड ने जेट एयरवेज को बर्बाद कर दिया. तमाम वित्तीय मुश्किलों को झल रही जेट एयरवेट अप्रैल 2019 में बंद हो गई. कंपना ने एनसीएलटी में इन्सोल्वेंसी के लिए आवेदन दिया और दिवालिया हो गई. कंपनी को फरवरी 2022 तक का वक्त दिया गया, लेकिन जेट एयरवेज बेदम हो चुकी थी.