कभी अनपढ़ मां ने देखा था बेटे को शिक्षक बनाने का सपना, अब बेटे को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

पवन कुमार/रेवाड़ी : एक शिक्षक को राष्ट्र निर्माता भी कहा जाता है. शिक्षक ही होता है जो देश का भविष्य उज्ज्वल बनाता है. ऐसे ही शिक्षकों को शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया. इनमें एक नाम है हरियाणा के शिक्षक सत्यपाल सिंह का.

शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति से सम्मान पाकर रेवाड़ी पहुंचे साइंस टीचर सत्यपाल सिंह का फूलमालाओं से स्वागत किया गया. सत्यपाल सिंह हरियाणा के एक मात्र टीचर थे जिन्हें राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा है. इससे पहले उन्हें राज्य शिक्षक पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है. उन्होनें अपना पुरस्कार अपने विद्यार्थियों को समर्पित किया है.

बता दें कि रेवाड़ी के बुडौली गांव के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में टीजी टीचर सत्यपाल सिंह का पढ़ाने का अनोखा तरीका है. वो बच्चों को समझाने के लिए विभिन्न तरह की गतिविधियां करा बच्चों को पढ़ाते है. बच्चों को भी उनके पढ़ाने का तरीका काफी पसंद आता है.

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अनपढ़ मां ने देखा था बेटे को शिक्षक बनाने का सपना

सत्यपाल बताते है कि वो एक गरीब परिवार से संबंध रखते है. उनकी मां अनपढ़ है. मां ने बचपन में सिखाया था कि बड़े होकर खुद शिक्षक बनकर शिक्षा कि अलख जगाना ताकि गरीब परिवारों के बच्चे भी अच्छी शिक्षा ग्रहण करके आगे बढ़ सकें. मां के देखे सपने पर आगे बढ़ते हुए मास्टर सत्यपाल सिंह ना केवल टीचर बने बल्कि अब उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से भी नवाजा गया है.

सत्यपाल ने लिखी है प्राइमरी की 5 किताबें

साइंस टीचर सत्यपाल सिंह को 28 जून को कर्नाटक में आउटस्टैंडिंग अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. इस आवर्ड में कर्नाटक सरकार कर्नाटक के शिक्षक के साथ-साथ कर्नाटक के बाहर के एक शिक्षक को सम्मान देती है और इस वर्ष ये सम्मान हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले साइंस टीचर सत्यपाल सिंह को मिला था. हरियाणा शिक्षा विभाग ने टीचर सत्यपाल सिंह का लिखा स्लेब्स भी पाठ्यक्रम में जोड़ा है. उन्होनें 5 किताबें लिखी हैं. जिन किताबों को तीसरी से पांचवीं क्लास के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.

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