कब है राधा अष्टमी? इस दिन इनकी पूजा करने से नहीं होगी धन-दौलत की कमी, जानें महत्व

रामकुमार नायक, रायपुरः पूरे देश में श्री कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को यादगार बनाने के लिए अन्य तरह के आयोजन किए गए. भक्तों ने लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना की. कई जगहों पर दही हांडी का भी आयोजन किया गया. लेकिन सनातन धर्म के मान्यता के अनुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी राधा अष्टमी के बिना अधूरी मानी जाती है. कहते हैं कि यदि राधा अष्टमी की पूजा नहीं करते हैं, तो जन्माष्टमी के दिन कृष्ण की पूजा करने का फल नहीं मिलता है.

कब और कैसे मनाई जाती है राधाष्टमी

राधा रानी भगवान कृष्ण की प्रेमिका थीं, जिन्हें देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है. सनातन धर्म और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जो लोग राधा अष्टमी के दिन राधा – कृष्ण की पूजा करते हैं. उन्हें धन-दौलत की कमी नहीं होती है. राधा अष्टमी भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. यह त्योहार कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद आता है. इस बार 23 सितंबर, 2023 शनिवार को राधा अष्टमी मनाई जाएगी. द्वापर युग में इसी तिथि पर देवी राधा भगवान कृष्ण की शक्ति के रूप में अवतरित हुई थीं. जो जातक राधा की पूजा करते हैं. उनके घर पर लक्ष्मी देवी की कृपा सदैव बनी रहती है.

महंत गोपाल शरण देवाचार्यजी महाराज ने बताया कि राधा अष्टमी महोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. राधा रानी जी का जन्म रावल गांव ब्रजभूमि में हुआ था. बरसाने में भी राधा रानी जी का जन्मोत्सव बनाया जाता है. इस वर्ष 23 सितंबर 2023 को श्रीराधा जन्माष्टमी पर्व वृंदावन, ब्रजभूमि और बरसाने के अलावा छत्तीसगढ़ में भी मनाया जाएगा. श्री राधा कृष्ण गोपाल मंदिर पुरानी बस्ती रायपुर में आयोजन के साथ जन्मोत्सव मनाया जाएगा. श्री राधा श्री कृष्ण की आराधिका हैं. राधा श्री कृष्ण जी की प्राण हैं.

Tags: Chhattisgarh news, Hindi news, Local18, Religion 18

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *