कब है भाद्रपद की पूर्णिमा? इस दिन लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, कंगाल भी बन जाएगा धनवान, जानें महत्व

रामकुमार नायक/ रायपुरः सनातन धर्म में भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व है. कहते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना बहुत कल्याणकारी होता है. वहीं इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर गरीब ब्राम्हणों का दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है. भाद्रपद पूर्णिमा के दिन से ही श्राद्ध यानि पितृपक्ष शुरू हो जाता है. इस दिन से पितरों के तर्पण और श्राद्ध कर्म की शुरुआत हो जाती है.

भगवान सत्यनारायण की पूजा करना लाभकारी

भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करना बहुत लाभकारी होता है. मान्यता है कि इस दिन सत्यानाराण भगवान की विधि विधान से पूजा करने से और किसी पूरोहित द्वारा सत्यनाराण भगवान की कथा श्रवण करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के कृपा से उसको ऐश्वर्य और धन की प्राप्ति होती है.

पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है

भाद्रपद मास की पूर्णिमा को लेकर ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि पूर्णिमा हर मास की शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को होती है. यह दो प्रकार की होती है, एक व्रत पूर्णिमा और दूसरी स्नान दान पूर्णिमा. जिस दिन व्रत पूर्णिमा पड़ती है, उस दिन व्रत रखकर भगवान सत्यनारायण विष्णु की पूजा की जाती है. इस बार भादों मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 29 सितंबर दिन शुक्रवार को पड़ रही है, इसी दिन स्नान दान पूर्णिमा पड़ रही है. व्रत पूर्णिमा 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाई जाएगी. व्रत पूर्णिमा यानी 28 सितंबर को व्रत रखना चाहिए और स्नान दान पूर्णिमा के दिन बड़े बड़े तीर्थ महासागर में स्नान करके दान देना चाहिए. इस दिन को पूर्णिमा श्राद्ध के रूप में भी मनाई जाती है.

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