कब है प्रदोष का व्रत? देवघर के ज्योतिषि से जानें मुहूर्त, पूजा विधि समेत सबकुछ

परमजीत कुमारदेवघर. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खासा महत्व है. सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए इसे उत्तम माना गया है. मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत में शिव जी और माता पार्वती की पूजा करने से सारे दुखो का नाश होता है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस बार प्रदोष व्रत 12 सितंबर को पड़ रहा है. ज्योतिषाचार्य बताते है की प्रदोष व्रत के दिन कुछ उपाय करने से आपकी हर मनोकामना पूर्ण होंगी.

देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को समर्पित है. प्रदोष के दिन व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष विधि सेपूजा करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी. प्रदोष व्रत के दिन एक बेलपत्र, एक शम्मी पत्र और एक कनेल का फुल भगवान भोलेनाथ को अर्पित करें.

इन उपाय से आएगी सुख-समृद्धि

ज्योतिषाचार्य बताते है कि प्रदोष व्रत का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. इसमें दिनभर व्रत रहकर प्रदोष काल में एक बेलपत्र, एक शम्मी पत्र ओर एक कनेल का फूल भगवान भोलेनाथ को अर्पण करे. इसके साथ जिस कलश से भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करेंगे उसमे जल भरे फिर बेलपत्र, शम्मी पत्र, हरी मुंग, थोड़ा सा गुड़ डालकर शिव का स्मरण करें और भगवान भोलेनाथ को अर्पण करें. इसके साथ ही शुद्ध घी का पंचमुखी दिया भगवान शिव के सामने जलाये. वही यें उपाय दो से तीन प्रदोष के दिन करें. आपकी मनोकामना जरूर पूर्ण होगी और जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी.

पूजा का शुभ मुहूर्त

किसी भी माह त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. भाद्र माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 12 सितंबर को रखा जाएगा. त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 12 सितंबर की सुबह 08 बजकर 30 मिनट से शुरू हो रहा है और समापन अगले दिन 13 सितंबर को सुबह 10 बजकर 45 मीनट पर होगा. चूकि यह पूजा प्रदोष काल में की जाती है. इसलिए इसमें उदयातिथि नहीं माना जाएगा और प्रदोष का व्रत 12 सितंबर को रखा जाएगा. वहीं पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 05 मिनट से रात 09 बजकर 30 मीनट तक का है.

Tags: Astrology, Deoghar news, Hindi news, Local18, Religion 18

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *