कब है नरक चतुर्दशी? क्यों होती है यमराज की पूजा, जानें यम पूजा की विधि

गुलशन कश्यप, जमुई: हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है. नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली, रूप चौदस समेत कई नाम से जाना जाता है. ज्योतिषाचार्य पंडित प्रदीप आचार्य बताते हैं कि नरक चतुर्दशी पर यमराज की विशेष उपासना की जाती है. हिंदू धर्म में नर्क से बचने के लिए इस दिन दीपक जलाने का खास महत्व बताया गया है. उन्होंने बताया कि मानता है कि इस दिन यम की विशेष उपासना से जीवात्माओं की सद्गति होती है.

शाम को दीपक जलाने से मिलती है नर्क से मुक्ति
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि नरक चतुर्दशी पर शाम की पूजा का विधान है. नरक चतुर्दशी पर शाम को यह दीपक जलाने से नरक से मुक्ति प्राप्त होती है. कहा जाता है कि इस दिन नाले या किसी कूड़े के ढेर के पास भी दीपक जलाने से व्यक्ति को नरक नहीं भोगना पड़ता है. इस दिन सच्ची श्रद्धा से यमराज की पूजा करने पर नरक से मुक्ति पा सकते हैं.

नरक चतुर्दशी पर शाम के समय घरों में दिए जलाए जाते हैं और यमराज की पूजा की जाती है. उन्होंने बताया कि आटे का चौमुखी दीपक जलाकर उसमें सरसों का तेल डालने और शाम के वक्त घर के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति के द्वारा दीपक को जलाना चाहिए.

महिलाएं जला सकती हैं मिट्टी के 14 दिए
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नरक चतुर्दशी के दिन महिलाएं मिट्टी के 14 दीये जला सकती हैं. इसके लिए घर के आंगन या बाहर में आकर और मिट्टी से चौका बनाकर उसे पर यह दीपक जलाना चाहिए. इस दौरान चावल रखकर दीप जलाकर सच्चे मन से यमराज की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद जब महिलाएं लौट रही हो तब उन दीप को पलट कर नहीं देखना चाहिए.

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ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा पूरी हो गई है. इसके बाद महिलाओं को अपने घर के अंदर चले जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि नरक चतुर्दशी को दीप जलाते वक्त इस बात का ध्यान रहे कि घर के सभी सदस्य घर में आ गए हो और इसके बाद कोई बाहर न जाए. शाम के वक्त प्रदोष काल में दीप जलाना शुभ माना गया है.

नोट: यह सारी बातें ज्योतिषी के द्वारा बताई गई हैं. न्यूज 18 इन बातों की पुष्टि नहीं करता है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Diwali, Narak Chaturdashi, Religion 18

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