कब है काल भैरव जयंती? इन उपायों से प्रसन्न होंगे उज्जैन के सेनापति

शुभम मरमट/उज्जैन. काल भैरव जयंती 05 दिसम्बर 2023 को है. इस बार भैरवाष्टमी मंगलवार के दिन आ रही है. उज्जैन में काल भैरव का प्रसिद्ध स्थान है. धार्मिक ग्रंथों में काल भैरव भगवान को शिव जी का रौद्र स्वरूप बताया गया है. इन्हें उज्जैन महाकाल के सेनापति के रूप में भी पूजा जाता है. अपने भक्तों के लिए बाबा भैरव दयालु, कल्याण करने वाले और शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देव माने जाते हैं.

बाबा काल भैरव की पूजा करने से भय से मुक्ति प्राप्त होती है. कहते हैं कि अच्छे कर्म करने वालों पर काल भैरव मेहरबान रहते हैं, लेकिन जो अनैतिक कार्य करता है वह उनके प्रकोप से बच नहीं पाता है. शास्त्रों में काल भैरव का वाहन कुत्ता माना गया है. ऐसे में यदि आप काल भैरव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इनकी जयंती के दिन काले कुत्ते को भोजन खिलाएं.

रात्रि 12 बजे होगा जन्म उत्सव
बाबा महाकाल की नगरी में सेनापति के रूप मे काल भैरव पूजे जाते हैं. 5 दिसंबर को काल भैरव बाबा का जन्म उत्सव रात्रि 12 बजे धूमधाम से मनाया जाएगा. बाबा को छप्पन भोग लगाकर महा आरती की जाएगी. इस मौके पर हजारों श्रद्धालु बाबा की आरती देखने के लिए शाम से ही मंदिर पहुंचने लगते हैं.

उज्जैन में विराजित है अष्ट भैरव
स्कंद पुराण की मान्यता अनुसार उज्जैन में अष्ट भैरव कई स्थानों पर विराजमान हैं, जानिए कहां-कहां है उनका स्थान

01 – भैरवगढ़ में काल भैरव
02 – दंडपाणी भैरव
03 – रामघाट पर आनंद भैरव
04 – ओखलेश्वर श्मशान में विक्रांत भैरव
05 – चक्रतीर्थ श्मशान में बम-बटुक भैरव
06 – गढ़कालिका के समीप काला-गौरा भैरव मंदिर
07 – कालिदास उद्यान में चक्रपाणी भैरव
08 – सिंहपुरी में आताल-पाताल

काल भैरव को यहां चढ़ती है शराब
मध्यप्रदेष के उज्जैन में काल भैरव का अनोखा मंदिर है, जहां बाबा को शराब अर्पित की जाती है. उज्जैन के शिप्रा के तट पर स्थित इस मंदिर को भैरवगढ़ के नाम से जाना जाता है. यहां मंदिर के बाहर पूजन सामग्री के साथ बाबा को चढ़ाने के लिए शराब भी बिकती है. मान्यता के अनुसार, इस मंदिर का स्कंदपुराण के अवंति खंड में वर्णन मिलता है.

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