कन्या पूजन अष्टमी या नवमी किस दिन करें ? मैहर के प्रधान पुजारी से जानें सही डेट, मुहूर्त, विधि

विकाश पाण्डेय/सतना. नवरात्रि का आठवां दिन मां महागौरी को समर्पित है. अष्टमी को माता महागौरी के पूजन का विशेष महत्व है. इस दिन मनुष्य ही नहीं बल्कि देव, दानव, राक्षस, गंधर्व, नाग, यक्ष, किन्नर, आदि सभी अष्टमी को मां महागौरी की आराधना करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए तप करते हैं.मध्य प्रदेश के मैहर मां शारदा के प्रधान पुजारी बम बम महराज ने बताया की नव दिनों में माता के अलग -अलग, रुपों की पूजा करतें हैं और सभी की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं. लेकिन अष्टमी का दिन विशेष होता है.

माना जाता है इस दिन मां महागौरी के पूजन के लिए ईश्वर भी आते हैं और माता का पूजन करते हैं इसलिए मान्यता है कि इस दिन की पूजा आप को विशेष फल देती है और समस्त देवता मां के भक्तों पर करुणा बरसाते हैं. माता मनवांछित फलप्रदान करती हैं. मां महागौरी का पूजन आप को नव दिनों के पूजन के बराबर फल देता है जो भी मनुष्य नवरात्रि के नवदिन व्रत, पूजन, हवन. नहीं कर पाता वह सिर्फ अष्टमी को माता का व्रत और पूजन करे उसे नवदिन के समान ही लाभ प्राप्त होगा.

देवताओं के होते हैं दर्शन
महाष्टमी के महत्त्व को लेकर मैहर के प्रधान पुजारी ने बताया की इस दिन 52 की 52 शक्तिपीठों सहित सभी सिद्ध पीठों में देवता किसी न किसी रूप में आते हैं और इसीलिए कब कहां कैसे किस्से किस रूप में टकरा जाएं कोई नहीं कह सकता इसलिए यह दिन विशेष है. जब देवताओं के भी दर्शन किसी न किसी रूप में होते हैं और भक्तों की भक्ति सिद्ध होती है.

कन्या भोज का इस दिन विशेष महत्त्व
अष्टमी को कुल देवी, मां काली, दक्षिण काली, भद्रकाली और महाकाली की भी उपासना की जाती है. माता महागौरी को माता अन्नपूर्ण का भी स्वरूप हैं इसीलिए मां अन्नपूर्णा के रूप में महागौरी की भी पूजा होती है इसलिए अष्टमी के दिन कन्या भोज और ब्राह्मणों को भोजन कराना अत्यंत फलदायी है.

मां को लाल चुनरी का विशेष महत्त्व
अष्टमी को सुहागन स्त्रियों को लाल चुनरी चढ़ाने के विशेष लाभ प्राप्त होते हैं. मां उन्हें सदैव सुहागन रहने का आशीर्वाद देती हैं.

किन्हें कैसा लाभ होता हैं
भक्त को भक्ति, निःशक्त को शक्ति, विद्यार्थी को विद्या, सुहागन को सुहागवती रहने का आशीर्वाद, निर्धन को धन, असहाय को मां सहाय होती हैं, रोग, भोग, समृद्धि, सुख, वैभव, तप, जप, समस्त लाभ इस दिन की पूजन पर प्राप्त होता है.

मां शारदा में विशेष चढ़ावा
मां शारदा को पान, सुपारी, ध्वजा, नारियल अत्यंत प्रिय है जो मौहर आने वाले यात्री सदैव चढ़ाते हैं लेकिन दुर्गाष्टमी को इस चढ़ावे का विशेष महत्त्व होता है. और माई भक्तों कोमनवांछित फल मिलते हैं ध्वज यानी पताखा से माई को विशेष लगाव है यह धर्म, सत्य, और विजय का ध्वज है.

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