कनाडा ने भारत पर लगाया चुनावों में दखल का आरोप: जांच कमीशन ने ट्रूडो सरकार से जानकारी मांगी; लिस्ट में चीन-रूस का भी नाम

6 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पिछले साल सितंबर में G20 समिट के लिए भारत आए थे। यह तस्वीर उसी समय की है। - Dainik Bhaskar

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पिछले साल सितंबर में G20 समिट के लिए भारत आए थे। यह तस्वीर उसी समय की है।

भारत-कनाडा में महीनों से जारी तनाव के बीच अब भारत पर वहां के चुनावों में दखल का आरोप लगा है। कनाडा का एक इंडिपेंडेंट कमीशन इसकी जांच कर रहा है। कमीशन ने ट्रूडो सरकार से मामले में जानकारी मांगी है।

दरअसल, पिछले साल सितंबर में एक रिपोर्ट सामने आई थी। इसमें कहा गया था कि कनाडा में 2019 और 2021 में हुए 2 संघीय चुनाव में चीन ने दखल दिया था। इसमें प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को जीत दिलाने में मदद की गई थी। हालांकि, चीन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। इस मामले की जांच के लिए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ही इस कमीशन का गठन किया था।

कमीशन ने बुधवार को बताया कि उन्होंने सरकार से इन चुनावों में भारत के तथाकथित दखल से जुड़े दस्तावेज पेश करने को कहा है। इसके अलावा कमीशन इस बात की भी जांच करेगा कि पूरे मामले की सरकार को कितनी जानकारी थी और इस पर क्या कदम उठाए गए।

तस्वीर जज मैरी-होसे होग की है, जो कनाडा के जांच कमीशन की अध्यक्षता कर रही हैं। (फाइल)

तस्वीर जज मैरी-होसे होग की है, जो कनाडा के जांच कमीशन की अध्यक्षता कर रही हैं। (फाइल)

कमीशन 3 मई तक पहली रिपोर्ट देगा
इस कमीशन की अध्यक्ष क्यूबेक की जज मैरी-होसे होग हैं। चुनाव में दखल के मामले में भारत और चीन के अलावा रूस का भी नाम है। कनाडाई मीडिया के मुताबिक, कमीशन मामले में अपनी पहली रिपोर्ट 3 मई तक पेश कर सकता है। वहीं इसकी फाइनल रिपोर्ट साल के आखिर तक सामने आएगी।

फिलहाल इस मामले में कनाडा में मौजूद भारतीय हाई कमीशन या भारत सरकार ने कोई बयान नहीं दिया है। पिछले साल कनाडा के चुनाव में दखल से जुड़ी जो रिपोर्ट सामने आई थी, उसमें कहा गया था कि चीन ने 2019 के चुनावों में 11 उम्मीदवारों का समर्थन किया था। एक मामले में 2.5 लाख डॉलर से ज्यादा दिए गए थे।

कनाडा की नीतियों को प्रभावित करने के लिए चीन ने अभियान चलाया
2021 के चुनाव में भी चीनी राजनयिकों और प्रॉक्सी अभियानों के लिए अघोषित तौर पर पैसे दिए गए थे। चुनावी दखल का ऑपरेशन टोरंटो में चीन के वाणिज्य दूतावास से चलाया जा रहा था। इसके पीछे का मकसद सांसदों के ऑफिस में अपने लोगों को रखे जाने और नीतियों को प्रभावित करना था।

इससे पहले दिसंबर के आखिर में कनाडा की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने निज्जर की हत्या के मामले में 2 आरोपियों की पहचान करने का दावा किया था। कनाडाई मीडिया ग्लोब एंड मेल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कुछ हफ्तों में दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है। दोनों आरोपियों पर चार्जशीट दायर होने के बाद हत्या की साजिश में भारत सरकार की भूमिका का खुलासा किया जाएगा।

2022 में बाली में हुए G20 समिट के दौरान चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग और कनाडाई PM ट्रूडो के बीच बहस हो गई थी।

2022 में बाली में हुए G20 समिट के दौरान चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग और कनाडाई PM ट्रूडो के बीच बहस हो गई थी।

ट्रूडो ने भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था
आतंकी निज्जर की हत्या 18 जून 2023 को कनाडा में हुई थी। इसके बाद सितंबर में PM ट्रूडो ने भारत पर इसका आरोप लगाया था। उनकी सरकार ने भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को देश से निकाल दिया था। इसके बाद से भारत-कनाडा के बीच विवाद बढ़ता चला गया। हालांकि, बाद में ट्रूडो ने खुद कई बार भारत से रिश्ते बनाए रखने की बात कही थी।

भारत ने कनाडा के आरोपों के खिलाफ एक्शन लेते हुए वहां के लोगों के लिए वीजा सेवाएं भी सस्पेंड कर दी थीं। साथ ही भारत से 41 कनाडाई डिप्लोमैट्स को भी हटा दिया गया था। हालांकि, बाद में डिप्लोमैटिक लेवल पर कई बातचीत हुई और कुछ महीनों बाद वीजा सेवाएं वापस से शुरू कर दी गई थीं।

भारत के विदेश मंत्रालय ने निज्जर मामले में कई बार कनाडा से सबूत भी मांगे। विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्रूडो सरकार पर खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाया था।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *