टोरंटो. विदेशी धरती से संचालित खालिस्तानी तत्वों पर भारत की खुफिया डोजियर के साथ अब यह बिल्कुल साफ हो गया है कि कनाडा सारे खालिस्तानी चरमपंथी गतिविधियों से मजबूत संबंध वाले व्यक्तियों को शरण दे रहा है. कनाडा से ऑपरेट होने वाले खालिस्तानी-गैंगस्टर्स नेक्सस से जुड़े लगभग 18 व्यक्तियों के नाम अब तक सामने आ चुके हैं. डोजियर से पता चलता है कि टहल सिंह और उसके सहयोगी कनाडा में रहते हुए पंजाब में अलगाववाद और हिंसा को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं.
मूल रूप से पंजाब के जालंधर का रहने वाला टहल सिंह टोरंटो के ओंटारियो में रह रहा है और एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) के सदस्य गुरजीत सिंह चीमा के साथ करीब से जुड़ा हुआ है. ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ के मुताबिक सिंह और चीमा ने 2015 में मान सिंह की टोरंटो यात्रा के दौरान उनसे संपर्क करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जहां एक स्वतंत्र खालिस्तान राज्य की स्थापना के इर्द-गिर्द चर्चा हुई थी.
टहल सिंह और गुरजीत चीमा ने मान सिंह को पंजाब लौटने पर अपने चरमपंथी मकसद के मद्देनजर सिख युवाओं को भर्ती करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए धन भी मुहैया कराया, जिससे कनाडाई सिख युवाओं के बीच संभावित कट्टरपंथ के बारे में चिंताएं बढ़ गईं.
पंजाब में टहल सिंह का इतिहास हथियारों की तस्करी और आतंकवादी गतिविधियों सहित विभिन्न आपराधिक मामलों में शामिल होने से दागदार है. उसे कई मामलों में अपराधी (पीओ) घोषित किया गया है और वह पंजाब में सिख युवाओं के बीच कट्टरपंथ एवं उग्रवाद को बढ़ावा देने वाला एक प्रमुख शख्स है.
मलकीत सिंह
मलकीत सिंह उर्फ फौजी, आईएसवाईएफ और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहने के दौरान ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में रह रहा है. उसने पंजाब में अपवित्रता की घटनाओं में शामिल हिंदू शिव सेना नेताओं और सिख प्रचारकों को निशाना बनाने के इरादे से चरमपंथी मॉड्यूल के लिए स्थानीय-निर्मित हथियारों की सोर्सिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मलकीत सिंह ने कुछ लोगों को बीकेआई आतंकवादी जसवंत सिंह उर्फ काला से मिलवाया, जिससे आतंकवादी तत्वों के साथ उसके जुड़ाव का पता चला.
मनवीर सिंह दुहरा
एक अन्य खालिस्तानी चरमपंथी, मनवीर सिंह दुहरा, जो मूल रूप से पंजाब के जालंधर का रहने वाला है और वर्तमान में सेंट जॉन, ब्रिटिश कोलंबिया में रहता है, पंजाब में चरमपंथी गतिविधियों के लिए सिख युवाओं की पहचान करने और उन्हें कट्टरपंथी बनाने में सक्रिय रूप से शामिल रहा है. उसने स्थानीय रूप से निर्मित हथियार खरीदने के लिए ISYF मॉड्यूल सदस्य को धन भेजा और बेअदबी की घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों को टारगेट करने के मकसद से मॉड्यूल सदस्यों को प्रेरित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से पंजाब का दौरा किया.
ये खुलासे कनाडा की एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश करते हैं जो सारे खालिस्तानी चरमपंथी गतिविधियों से जुड़े व्यक्तियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व में कनाडाई सरकार को इस महत्वपूर्ण मुद्दे को संबोधित करने में विफलता के लिए तेजी से जांच का सामना करना पड़ रहा है.
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FIRST PUBLISHED : October 1, 2023, 15:39 IST