कड़कनाथ मुर्गे ने बदली किसान की किस्मत, लाखों में पहुंची इनकम, जान लीजिए ट्रिक

दीपक कुमार/ बांका: कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाला व्यवसाय करना चाहते हें मुर्गी पालन से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता हैं. सीमित जगह और कम पूंजी में आप जबरदस्त मुनाफा कमा सकते हैं. पिछले कुछ समय में ब्रायलर और लेयर फार्मिंग के साथ-साथ किसान कड़कनाथ मुर्गे को पाल रहे हैं. कड़कनाथ भारत का एकमात्र काले मांस वाला मुर्गा है. दूसरे मुर्गों के मुकाबले ये सिर्फ चार से पांच महीने में तैयार हो जाता है और बाजार में यह 800 से लेकर 1000 रुपए तक में बिक जाता है.

अपनी खासियत के चलते कड़नाथ की मांग बढ़ती जा रही है. बांका जिला के अमरपुर प्रखंड अंतर्गत सलेमपुर गांव निवासी मुकेश सिंह एक बार में एक हजार से अधिक कड़कनाथ मुर्गे को पालते हैं. मुकेश सिंह पिछले चार वर्षो से कड़कनाथ मुर्गा पालकर 5 लाख से अधिक मुनाफा कमा करे हैं.मुकेश सिंह ने बताया कि 2020 से हीं मुर्गी पालन का काम कर रहे हैं. हालांकि शुरूआत में थोड़ी कठिनाई जरूर हुई, लेकिन अब कोई दिक्कत नहीं हो रही है. कड़कनाथ ऐसा ब्रीड है जिसमें बीमारी की संभावना नगण्य है और ज्यादा देखभाल की भी जरूरत नहीं पड़ती है.

5 महीने में तैयार होता है मुर्गा
कड़कनाथ मुर्गा मुख्य रूप से दाने के साथ ही पत्तियां, घास, चावल का बुरादा, गेहूं का दर्रा सेवन करता है. खास बात यह है कि यह मुर्गा 5 महीने में तैयार हो जाता है. ठंड के मौसम में थोड़ा सावधानी बरतनी पड़ती है. मुकेश सिंह ने बताया कि कड़कनाथ मुर्गा से अच्छी कमाई करनी है तो साल में तीन बार पालन करें. कड़कनाथ के चूजे को लाकर एक से डेढ़ किलो होने पर बिक्री कर देते हैं.

17 से 20 रूपए में बिकता है कड़कनाथ मुर्गी का अंडा
मुकेश सिंह ने बताया कि कड़कनाथ मुर्गा सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. यह मुर्गा औषधीय गुणों से भरपूर और स्वादिष्ट होता है. जहां सामान्य मुर्गी में प्रोटीन की मात्रा लगभग 18 से 20 फ़ीसदी होता है तो वहीं कड़कनाथ में 25 फ़ीसदी तक प्रोटीन पाया जाता है. कड़कनाथ का औसत वजन डेढ़ किलो तक होता है, जो 5 महीने में तैयार होता है. पांच महीने के बाद से हीं मुर्गी अंडा देने लगती है और साल में औसतन 180 अंडा देती है.

उन्होंने बताया कि कोलकाता से 75 रुपए पीस के हिसाब से कड़कनाथ का चूजा को लाते हैं और तैयार कर लोकल बाजार में 500 रूपए किलो एवं राज्य स्तरीय बाजार में 700 रूपए किलो में बिकता है. वहीं अंडे की बात करें तो 17 से 20 रुपए प्रति पीस के हिसाब से बिकता है. तीन बार कड़कनाथ के चूजे को लाकर तैयार करते हैं. इससे सालाना सात लाख तक की कमाई हो जाती है.

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