कठपुतली के माध्यम से रामलीला का मंचन करता है ये परिवार, जानें क्या है इनका लक्ष्य?

सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर : घर-घर में राम और राम के चरित्र को पहुंचाने के लिए शाहजहांपुर की गगनिका सांस्कृतिक समिति कठपुतलियों के माध्यम से जगह-जगह पर जाकर रामायण का मंचन कर रही है. समिति का कहना है कि वो समय-समय पर अलग-अलग मुद्दों पर कठपुतलियों के माध्यम से मंचन करते हैं. अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद भगवान राम के प्रति लोगों की आस्था और बढ़ी है. लोग भगवान श्री राम के चरित्र को जानना चाहते हैं.

गगनिका संस्कृति समिति के अध्यक्ष कप्तान सिंह कर्णधार ने बताया कि कोविड़ संक्रमण के दौरान जब लोग घरों में कैद थे. तो उन्होंने लोगों का मनोरंजन करने के लिए कठपुतली शो शुरू किया. कठपुतली के जरिए उस वक्त लोगों को कोविड़ गाइडलाइंस का पालन करने के लिए जागरूक करने का काम करते थे. उसके बाद काकोरी रेल एक्शन पर बने आखरी सलाम नाम के नाटक का कठपुतली के जरिए देश के अलग-अलग जगह पर जाकर मंचन किया.

प्राण प्रतिष्ठा के बाद बढ़ा लोगों का उत्साह
कप्तान सिंह कर्णधार ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद लोगों में रामलीला देखने को लेकर भारी उत्साह है. वह भी कठपुतली के माध्यम से रामलीला का मंचन करते हैं. जो लोगों को खूब पसंद आती है. कप्तान सिंह कर्णधार ने बताया कि वह कठपुतली रामलीला के कई शो देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर कर चुके हैं. यहां उन्हें लोगों का भरपूर प्यार मिला.

पत्नी का भी मिलता है पूरा सहयोग
कठपुतली के जरिए भगवान राम के चरित्र को घर-घर पहुंचने का काम करने के लिए कप्तान सिंह कर्णधार के साथ उनकी पत्नी सुलोचना कार्की का भी खास सहयोग रहता है. उनकी पत्नी कठपुतलियों की साज-सज्जा और मेकअप का काम करती हैं. इतना ही नहीं वह मंच पर कठपुतलियों के जरिए अपनी कला का प्रदर्शन भी करती हैं. कठपुतली रामलीला मंचन के लिए स्थानीय कलाकार भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

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