कचरा भी चमका सकता है किस्मत, हर महीने होगी लाखों की कमाई, बस करना होगा ये काम

रिपोर्ट-कुंदन कुमार
गया. कचरा हमेशा बेकार नहीं होता. वो काम का भी हो सकता है. यहां तक कि वो आपको लखपति भी बना सकता है. कचरे के निपटारे के लिए आजकल तरह तरह के प्रयोग हो रहे हैं जो कामयाब भी रहे. जिसे हम कल तक कचरा समझकर फेंक देते थे आज वही कचरा हमारी कमाई या कहें रोजी रोटी का जरिया भी बन सकता है. गया नगर निगम ने कचरे के प्रति इस सोच को बदल दिया है. वो कचरे से खाद बना रहा है और हर महीने लाखों रुपए कमा रहा है.

नगर निगम ने तीन साल पहले यहां के नैली इलाके में ट्रीटमेंट प्लांट लगाया था.इसमें अब कचरे से खाद तैयार हो रहा है. इस खाद को नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड को भेजा जाता है. इसके अलावा स्थानीय किसान भी यहां से खाद खरीदते हैं.

रोज 25 टन कचरे से खाद
गया इस राज्य का पहला नगर निगम है, जहां कचरे के निपटारे के लिए प्लांट लगाया गया है. इस वजह से शहर का कचरे निपटाने में तेजी आयी है. शहर से रोज लगभग 400-500 टन कचरा उठता है. उसे ट्रीटमेंट प्लांट में लाकर फिर खाद बनायी जाती है. इतने कचरे से 15 से 20 फीसदी तक खाद बन जाती है. अभी रोज करीब 20 से 25 टन खाद बन रही है. इससे नगर निगम को हर महीने अच्छी आमदनी हो रही है. ये ट्रीटमेंट प्लांट पूरी तरह से आउटसोर्सिंग के जरिए चलाया जा रहा है.

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किसानों को मिट्टी मोल खाद
गया नगर निगम के ट्रीटमेंट प्लांट में जो खाद तैयार हो रहा है उसे किसानों को बेहद सस्ते दाम पर दिया जाता है. ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोजेक्ट मैनेजर दर्शन जैन बताते हैं यहां तैयार खाद कंपनी को दी जाती है और स्थानीय किसान भी इसे खरीद सकते हैं. यहां से छोटे किसानों को 1.50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खाद बेचा जाता है.

ये है कचरे से खाद बनाने की पूरी प्रक्रिया
दर्शन जैन ने बताया शहर से रोजाना लगभग 450 टन कचरा निकलता है. सबसे पहले कचरे को एक जगह रखा जाता है. फिर, 15 दिन बाद सोर्टिंग मशीन से उसे अलग-अलग किया जाता है. तीन प्रोसेस से गुजरने के बाद लगभग 40 दिन में खाद तैयार हो जाता है. कचरे से बनी खाद की बिक्री से नगर निगम को हर महीने माह 6-7 लाख रुपए की कमाई हो जाती है. उन्होंने बताया कचरे से प्लास्टिक को शुरू में ही अलग कर दिया जाता है. ठोस कचरे की छंटाई में प्लास्टिक आदि मिले सामग्री का उठाव रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल कर रहा है. इसका सीमेंट फैक्ट्री में इस्तेमाल किया जा रहा है.

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