इस्लामाबाद. चीन (China) ने चाइना-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के और ज्यादा विस्तार को फिलहाल टाल दिया है. पाकिस्तान (Pakistan) की जोरदार अपील को अनसुना करते हुए उसने विस्तार को मंजूरी नहीं देने का फैसला सुनाया है. उसका कहना है कि आर्थिक तबाही के कारण वह ऐसे कदम उठाने से बच रहा है. इधर पाकिस्तान का कहना था कि चीन उसकी मदद करे और आर्थिक संकट दूर हो. इसके लिए पाकिस्तान ने चीन से आग्रह किया था कि वह ऊर्जा, जल प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सीपीईसी के जरिए बड़ा निवेश कर दे.
पाकिस्तान मीडिया में खबरें हैं कि दोनों देशों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए बड़े प्रोजेक्ट्स को रोक दिया गया है. पाकिस्तान मीडिया ने बताया है कि ग्वादर में थर्मल पॉवर प्लांट की चीन की योजना का विरोध छोड़ दिया है. चीन ने भी पाकिस्तान के ऊर्जा, जल प्रबंधन, टूरिज्म और जलवायु परिवर्तन को लेकर अपनी योजना को टाल दिया है. सीपीईसी की संयुक्त समिति की बैठक में चीन और पाकिस्तान के बीच गहरे मतभेद देखे गए हैं.
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चीन की शर्तों को मानने को मजबूर हुआ पाकिस्तान
खबरों में कहा गया है कि पाकिस्तान चीन की बिजली कंपनियों का कर्ज नहीं चुका पा रहा है. चीन के दबाव के कारण पाकिस्तान को ग्वादर में 300 मेगावाट के पॉवर प्लांट पर शर्त माननी पड़ी. पाकिस्तान चाहता था कि स्थानीय कोयले का इस्तेमाल हो और पॉवर प्लांट को थार ले जाया जाए. अगर ऐसा संभव नहीं हो तो यह प्रोजेक्ट ही रद्द कर दिया जाए.

पाकिस्तान को दोहरी मार, अब विदेश से आएगा कोयला, बिजली होगी महंगी
पाकिस्तान की बहुत कोशिश थी की, ग्वादर पॉवर प्लांट किसी भी तरह शुरू न हो; लेकिन चीन के दबाव के कारण उसे अपना विरोध वापस लेना पड़ गया और अब उसे महंगी बिजली लेनी होगी. आईएमएफ के पैकेज के चलते पाकिस्तान में बिजली की दरें पहले ही आसमान छू रही हैं. ऐसे में पाकिस्तान स्थानीय कोयले के इस्तेमाल की मांग कर रहा था. दूसरी तरफ ग्वादर के पर्यारवरण पर बुरा असर पड़ेगा. चीन ने साफ कर दिया है कि वह पाकिस्तान की मदद नहीं करेगा, लेकिन वह अपने प्रोजेक्ट्स जारी रखेगा.
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FIRST PUBLISHED : September 26, 2023, 21:58 IST