मोहन प्रकाश/सुपौल. एकीकृत उद्यान विकास योजना के तहत अंतरवर्ती खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार में नई योजना शुरू की गई है. यह योजना किसानों को अपनी आय बढ़ाने और कृषि को अधिक टिकाऊ बनाने में मदद करेगी. इस योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए फसलों के बीज पर 50 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. अगर कोई किसान बगीचे में ओल, अदरक और हल्दी की खेती करते हैं, तो यह अनुदान मिलेगा. दरअसल, इस योजना के माध्यम से सरकार एक ही जमीन पर दो फसलों की खेती को बढ़ावा देने जा रही है. उद्यान विभाग की सहायक निदेशक डॉ. अमृता कुमारी बताती हैं कि इस वित्तीय वर्ष में इन फसलों की खेती के लिए किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे. आवेदन स्वीकृत होने के बाद बीज की खरीद पर अनुदान दिया जाएगा.
सहायक निदेशक डॉ. अमृता कुमारी बताती हैं किइस योजना के तहत आम, लीची सहित अन्य फलों के बगीचे के एक तिहाई क्षेत्र में किसानों को ओल, हल्दी और अदरक लगाना होगा. उन्होंने बताया कि प्रति हेक्टेयर ओल की खेती पर 82 हजार रुपए खर्च आता है. इसमें सरकार 41 हजार रुपए का अनुदान देगी. जबकि, हल्दी की खेती पर प्रति हेक्टेयर 22300 का खर्च आएगा. इसमें से सरकार 11150 रुपए अनुदान देगी. इसी तरह अदरक की खेती पर प्रति हेक्टेयर 76 हजार रुपए का खर्च आएगा. इसमें से सरकार 38 हजार रुपए अनुदान देगी.
15 फरवरी से लिया जा रहा ऑनलाइन आवेदन
वह बताती हैं कि इस योजना का लाभ लेने के लिए पोर्टल 15 फरवरी से खुल चुका है. इसके तहत किसानों को वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों का पहले से कृषि विभाग में रजिस्टर्ड होना जरूरी है. साथ ही आधार कार्ड से लिंक बैंक खाता नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो, जमीन का कागज होना चाहिए. उन्होंने बताया कि सरकार चाहती है कि बगीचे में लेट से फसल आती है. इसलिए उस जमीन का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर फसल उपजाया जाए.
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FIRST PUBLISHED : February 22, 2024, 10:25 IST