ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में 24वीं पासिंग आउट परेड 9 को, देश को मिलेंगे इतने ऑफिसर 

कुंदन कुमार/गया : गया स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में 24वीं पासिंग आउट परेड 9 दिसंबर को आयोजित होनी है. उससे पूर्व मंगलवार को पासिंग आउट परेड कोर्स के विजेता तथा प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न विद्या में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट को मेडल लेकर सम्मानित किया गया. लेफ्टिनेंट जनरल पी एस मिन्हास के द्वारा सभी कैडेट्स को सम्मानित किया गया.

पासिंग आउट परेड से एक दिन पूर्व 8 दिसंबर को कैडेट के द्वारा मल्टी डिस्प्ले एक्टिविटी किया जाएगा और हैरतअंगेज कारनामे दिखाए जाएंगे. मल्टी एक्टिविटी डिस्प्ले में जिम्नास्टिक, माइक्रो-लाइट फ्लाइंग और एक्रोबेट्स, हॉर्स शो, डॉग शो और स्काई डाइविंग जैसे प्रदर्शन किये जाएंगे.

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कुल 128 कैडेट सेना में बनेंगे अधिकारी

पासिंग आउट परेड के दिन टेक्निकल इंट्री स्कीम टीईएस-42 के अधिकारी कैडेट एवं स्पेशल कमीशन अफसर एससीओ-51 के कैडेट को अधिकारी के रूप में भारतीय सेना में कमीशन दिया जाएगा. इस बार कुल 128 कैडेट सेना में अधिकारी बनने जा रहे है. जिसमें टीईएस-42 के 94 भारतीय कैडेट, एससीओ-51 के 27 कैडेट जबकि मित्र देश भूटान के 5 और वियतनाम 2 कैडेट्स शामिल है. इस बार बिहार के रहने वाले 3 कैडेट्स भी सेना में अधिकारी बनने जा रहे हैं.

बिहार के अलावे सबसे ज्यादा कैडेट्स उत्तर प्रदेश के 27, उत्तराखंड के 13, हरियाणा के 10, राजस्थान के 9, दिल्ली के 6, हिमाचल प्रदेश के 6, मध्य प्रदेश के 6, पंजाब के 5, महाराष्ट्र के 4, केरल के 4, कर्नाटक के 2, असम के 2 वही तेलंगाना के एक कैडेट कमीशन किए जाएंगे.

अपनी स्थापना के 13 साल पूरे किए

गौरतलब है कि ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी गया को 18 जुलाई 2011 को सेना द्वारा तीसरी प्री-कमीशनिंग ट्रेनिंग एकेडमी के रूप में स्थापित किया गया था. ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, गया के प्रतीक चिन्ह की पृष्ठभूमि में दो रंग हैं, ऊपरी आधा हिस्सा फ्रेंच ग्रे है जो ताकत और सहनशीलता को दर्शाता है और निचला आधा लाल रंग परम बलिदान का प्रतीक है.

‘धर्मचक्र’ के साथ दो क्रॉस तलवारें अकादमी प्रतीक चिन्ह बनाती हैं. नीचे स्क्रॉल पर अकादमी का आदर्श वाक्य देवनागरी में ‘शौर्य ज्ञान संकल्प’ अंकित है. अकादमी के सभी अधिकारी, कर्मचारी और अधिकारी कैडेट भारतीय सेना के लिए भावी सैन्य नेताओं को तैयार करने की दिशा में काम करती हैं. अकादमी ने जुलाई 2023 में अपनी स्थापना के 13 साल पूरे किए और अब यह भारतीय रक्षा बलों का एक उच्च प्रतिष्ठित संस्थान है.

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