स्मार्ट क्लास (सांकेतिक तस्वीर)
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ऑपरेशन कायाकल्प के तहत अब बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनाई जाएंगी। जिले में 138 परिषदीय विद्यालयों का चयन इस योजना के लिए किया गया है। एक विद्यालय में स्मार्ट क्लास बनाने पर करीब दो लाख रुपये खर्च होंगे। इस तरह सभी विद्यालयों में इस काम पर कुल 2.76 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह बजट समग्र शिक्षा अभियान से दिया जाएगा।
चयनित विद्यालयों में प्रोजेक्टर और कंप्यूटर आदि सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इन स्कूलों की कक्षाओं को आधुनिक संसाधनों से लैस कर उन्हें स्मार्ट क्लास बनाया जाएगा। इन कक्षाओं में बच्चे प्रोजेक्टर और कंप्यूटर आदि आधुनिक माध्यमों से पढ़ाई कर सकेंगे। उन्हें आधुनिक समय के अनुरूप बेहतर शिक्षा की सुविधा उपलब्ध हो सकेंगी।
बजट की स्वीकृति के साथ ही इसी सत्र में इन स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं के संचालन की तैयारी शुरू होगी। परिषदीय स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई को स्मार्ट बनाने के लिए डिजिटल कंटेंट के जरिए स्मार्ट क्लास रूम तैयार किए जाएंगे। इसके लिए शिक्षकों को भी डिजिटल लर्निंग के लिए तैयार किया जा रहा है, जिससे वह ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन गुणवत्ता को बरकरार रखते हुए पढ़ाई के स्तर को सुधार सकें।
6500 से अधिक वीडियो से दी जाएगी शिक्षा
निपुण भारत अभियान के तहत प्राइमरी और उच्च प्राइमरी स्कूलों के बच्चों के लिए दीक्षा एप सहित कई अन्य माध्यमों को तैयार किया गया है। क्लास रूम को स्मार्ट बनाने के लिए पिछले काफी समय से डिजिटल लर्निंग से शिक्षकों को जोड़ा जा चुका है। साथ ही दीक्षा एप के माध्यम से टेक्स्ट बुक और टीचिंग मैनुअल भी उपलब्ध कराए गए हैं। इसके जरिए 6500 से ज्यादा वीडियो कंटेंट के जरिए बच्चों को क्लासरूम में पढ़ाया जाएगा।
जिले के 138 परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाई जाएंगी। इसी सत्र में यह कार्य शुरु हो जाएगा। बच्चों को वीडियो कंटेंट के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी, जिससे आसानी से शिक्षा ग्रहण कर सकें।
-उपेंद्र गुप्ता, बीएसए।