ऑनलाइन कर्ज में सुसाइड : भूपेन्द्र विश्वकर्मा के खाते में 8 करोड़ का लेनदेन

भोपाल. भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र में पिछले दिनों एक परिवार के सामूहिक सुसाइड मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. भूपेंद्र ने जिस खाते में पैसे डाले उसमे 8 करोड़ के लेनदेन का रिकॉर्ड सामने आया है. पीड़ित भूपेंद्र ने भी  11 अप्रैल को तीन बार में 95 हजार 700 रुपए डाले थे. पुलिस को आशंका है कि भूपेंद्र ने 95 हजार जिस अकाउंट में ट्रांसफर किये उसे विदेश से भी चलाया जा रहा था. इस खाते से 200 बैंक खातों से रकम ट्रांसफर हुई है.

भोपाल फैमिली सुसाइड और साइबरफोर्ड मामले का कनेक्शन भोपाल के अलावा देश के अलग-अलग शहरों और विदेशों से भी सामने आ रहा है. मामले में 10 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. उसमें शारिक बेग शामिल है जिसने 7 हजार रुपये लेकर अकाउंट खुलवाया था. अरशद बेग ने शारिक के साथ मिलकर अकाउंट खुलवाया था. फरहान रहमान बैंक का केवाईसी ऑफिसर है जिसने अकाउंट ओपन कर वेरीफाई किया. उबेस खान फर्जी खाते खुलवाकर जालसाजों को उपलब्ध कराने का काम करता है. इस मामले में शाहजमाँ खान उर्फ शाजी खान का भी नाम सामने आया है जो फर्जी खाते सप्लाई करता है.

फर्जी पासबुक से अवैध ट्रांजेक्शन
भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा इस पूरे मामले को पुलिस ने बहुत गंभीरता से लिया है. इस प्रकरण में तह तक जाते हुए कार्रवाई की जा रही है. एक व्यक्ति की गिरफ्तारी जयपुर से हुई थी. खास तौर पर कॉल करके धमकाना और पैसों से जुड़े मामलों में वह आरोपी था. एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जो फर्जी पासबुक का इस्तेमाल कर अवैध ट्रांजेक्शन करते थे.

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इस मामले के अलावा कई और मामलों में भी ऐसे ही पैसे जमा और निकाले गए हैं. पुलिस इनकी भी जांच कर रही है. खातों के रिकॉर्ड में जो पते सामने आए हैं वो गुमनाम, अनाम हैं. जिन  पतों पर यह सारे दस्तावेज जारी हुए हैं उनके बारे में बैंक से भी जानकारी निकाली जा रही है कि क्या मापदंडों का इसमें ध्यान रखा गया. पांच लोगों की मामले में गिरफ्तारी हुई है. सभी आरोपियों को रातीबड़ पुलिस ने कोर्ट के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया है.

सायबर फ़्रॉड से बचने सावधानी जरूरी
देश प्रदेश में लगातार साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं. पढ़े-लिखे युवाओं से लेकर बुजुर्ग और अन्य लोग भी इसका आसानी से कई मामलों में शिकार बन जाते हैं. अक्सर जालसाज पैसे कमाने या किसी तरह का ऑफर का प्रलोभन देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं. सायबर पुलिस का कहना है किसी से भी अपने एटीएम कार्ड का पिन कोड, ओटीपी, केवाईसी डीटेल्स शेयर ना करें और अगर किसी ट्रांजेक्शन पर संदेह होता है तो तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करें.

Tags: Bhopal latest news, Cyber Crime

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