अंकित कुमार सिंह/सीवान: बिहार में नए नियम लागू होने के बाद से रैयत व उनके वंशज अपनी-अपनी जमीन के दस्तावेज को पुख्ता करने में लगे हैं. जिनके पास कागजात है वे तो आराम फरमा रहे हैं. हालांकि, जिनके पास दस्तावेज नहीं है वे निबंधन कार्यालय और कलेक्ट्रेट का चक्कर काट रहे हैं. जिनको जानकारी है वे तो आसानी से अपना दस्तावेज और खतियान निकलवा ले रहे हैं. जिनको जानकारी नहीं है, उन्हें काफी परेशानी हो रही है.
उन्हें मजबूरन बिचौलियों को पकड़ना पड़ रहा है. ऐसे में पैसा के साथ-साथ समय भी काफी लग रहा है. हालांकि हम बताएंगे कि आप आराम से कैसे कागजातों को निकाल सकते हैं.
आज भी 85 फीसदी जमीन पूर्वजों के नाम से दर्ज
दरअसल, आज भी सीवान जिला ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में 85 फ़ीसदी भूमि पूर्वजों के नाम से खतियान में दर्ज है और उन्हीं के नाम से आज भी जमाबंदी चल रही है. वहीं ख़ातियानी जमीन का लगान रसीद (भू-लगान पर्चा)तो सभी के पास है. हालांकि जमीन का ख़ातियान नहीं है. ऐसे में नए नियम के तहद कास्तकारी (खतियानी ) जमीन के बटवारे के लिए जमीन का खतियान सबसे महत्वपूर्ण है.
उनके बाद उक्त जमीन का रसीद लगेगा. इसी को लेकर अब रैयतदार और उनके वंशज खतियान निकलवाए के लिए कलेक्ट्रेट पहुंच रहे हैं. जबकि बैनामा के दास्तवेज के लिए निबंधन कार्यालय जा रहे हैं.
ऐसे निकलेगा आपका खतियान
खतियान निकलवाना के लिए सबसे पहले कलेक्ट्रेट जाना होगा. जहां राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अभिलेखागार का रुख करना होगा. वहां 2 रुपए का शेड्यूल फॉर्म नंबर 75, भरना होगा. जिसमें अपना और अपने जमीन की जानकारी भरना होगी. उस फार्म के ऊपर 5 रुपए का रेवेन्यू टिकट लगाकर अभिलेखागार में जाना होगा. जहां एक स्टॉप बकायदे आपका फार्म लेकर अपने डायरी में नोट करेगा और फार्म जमा करते हुए 20 रुपए सरकारी शुल्क लेगा.
इसके बाद जमा किए गए फार्म का दूसरा पन्ना देगा. वहीं मौजूद दूसरा स्टांप आपसे दूसरा कोई पन्ना लेकर खतियान ढूंढ कर लाएगा और आपको फ़ोटो कॉपी कर नकल दे देगा.
गुम या फट गया हो बैनामा का दस्तावेज तो ऐसे निकलवाएं
जमीन दस्तावेज की सच्ची प्रतिलिपि निकलवाने के लिए जिला निबंधन कार्यालय जाना होगा. जहां 100 रुपए का ई-स्टांप पेपर काउंटर से लेना होगा. ई-स्टांप पेपर मिलने के बाद पूछताछ काउंटर पर जाकर डीड पेपर की प्रतिलिपि किस काउंटर पर मिलेगी. इसकी जानकारी लेनी होगी और उस काउंटर पर जाकर सच्ची प्रतिलिपि की सरकारी फीस और स्टांप पेपर जमा करना होगा.
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निबंधन कार्यालय का कर्मी दो दिनों के अंदर सच्ची प्रतिलिपी उपलब्ध करा देंगे. जिसमें महज 600 रुपए खर्च होंगे. डीड पेपर(केवाला/बैनामा दस्तावेज) इसके लिए रैयत को डीड नंबर,जींद नंबर, पृष्ठ संख्या, टोकन नंबर,खाता नम्बर,खेसरा(सर्वे/प्लॉट नम्बर) तालुका, हल्का, मौजा, थाना नम्बर सहित आदि की जानकारी देनी होगी.
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FIRST PUBLISHED : March 12, 2024, 10:39 IST