Asian Games 2023 Aishwarya Mishra Struggle Story : एशियन गेम्स 2023 में भारत के एथलीट्स कमाल कर रहे हैं. मगर, इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने कितना संघर्ष किया है, ये जानना जरूरी है…
Asian Games 2023 Aishwarya Mishra Struggle Story (Photo Credit: Social Media)
नई दिल्ली:
Asian Games 2023 Aishwarya Mishra Struggle Story : सपने तो हर कोई देखता है, लेकिन मेहनत और लगन से वो कुछ ही लोग होते हैं, जो अपने सपने को साकार कर पाते हैं…. भारत में ऐसे एथलीट्स भरे पड़े हैं, जिन्होंने गरीबी की जंजीरों को तोड़कर लक्ष्य हासिल किया और भारत का नाम रौशन किया है. आज हम इस आर्टिकल में आपको भारत की एक ऐसी ही बेटी के बारे में बताने वाले हैं, जिनके पास सुख-सुविधाएं तो नहीं थीं, लेकिन जुनून ऐसा था की आज पूरी दुनिया उन्हें सलाम कर रही है… हम बात कर रहे हैं एशियन गेम्स 2023 में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचने वालीं ऐश्वर्या मिश्रा के बारे में…
चीन के हांगझू में खेले जा रहे एशियन गेम्स 2023 के14वें दिन ऐश्वर्या मिश्रा ने 4×400 मीटर की दौड़ में सिल्वर मेडल जीतकर अपने परिवार के साथ-साथ पूरे देश का नाम रौशन किया. मगर, उनके संघर्ष की कहानी आपको भी मोटिवेट कर सकती है… ऐश्वर्या के पिता का नाम कैलाश मिश्रा है, जो मुंबई के दहिसर इलाके में रहते हैं. पिता कैलाश फल और सब्जी की एक छोटी सी दुकान चलाते हैं, मगर उन्होंने अपनी बेटी के सपनों को पंख देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इसी का नतीजा है की आज ऐश्वर्या चीन में सिल्वर मेडल जीतकर आ रही हैं.
मुंबई में 10 बाई 10 के एक छोटे से कमरे में अपनी परिस्थितियों के हाथों मजबूर होने के बावजूद कैलाश ने अपनी बेटी को प्रैक्टिस के लिए एक महंगा जूता खरीदकर दिया था, ताकि बेटी अपनी उड़ान भर सके. ऐश्वर्या उस जूते के फटने के बाद भी उसे पहनकर प्रैक्टिस करती थी, और फिर उसने एक दिन गोल्ड मेडल जीत लिया था. उसके बाद ऐश्वर्या पर एक ऐसे कोच और एथलीट ट्रेनर की नज़र पड़ी, जिसने उनके करियर को नई दिशा दिखाई और एशियन गेम्स तक पहुंचने में मदद की.
हालांकि, ऐश्वर्या की सफलता के बावजूद आज भी उनके पिता ने उन फटे हुए जूतों को संभालकर रखा है. बता दें, ऐश्वर्या ने 11 साल की उम्र से ही एथलीट बनने का सपना संजो लिया था. फिर उस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जीतोड़ मेहनत की और आज उनका छोटा सा घर ढेर सारे मेडल से भर चुका है. ऐश्वर्या की मां ने कहा, “उनके परिवार ने जो भी मजबूरियां और परेशानियां झेली हैं, इस जीत के आगे वो सब फीकी पड़ गई हैं. हमने 32 महीनों से अपनी बेटी को नहीं देखा,सिर्फ फोन पर बात होती है, लेकिन आज हम सभी को उस पर गर्व है.”
First Published : 07 Oct 2023, 10:33:56 PM