एस जयशंकर बोले- भारत G20 अध्यक्ष रहे या न रहे, दुनिया के लिए योगदानकर्ता और सहयोगी बना रहेगा

न्यूयॉर्क: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय अमेरिका दौरे पर हैं. उन्होंने यहां भारत-संयुक्त राष्ट्र वैश्विक शिखर सम्मेलन में शिरकत की. सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘हालांकि हम इस वर्ष के अंत तक ही G20 अध्यक्ष हैं, लेकिन G20 की अध्यक्षता से पहले और निश्चित रूप से उसके बाद, हम अपने तरीके से एक भागीदार, एक योगदानकर्ता, एक सहयोगी बने रहेंगे. शायद दूसरों के लिए हम एक प्रेरणा होंगे कि विकासात्मक चुनौतियों को कैसे एड्रेस किया जाए. मेरा मानना ​​है कि वास्तव में भारत की अध्यक्षता में G20 के महत्वपूर्ण परिणामों में से अफ्रीकी संघ की सदस्यता भी एक थी.’

विदेश मंत्री जयशंकर ने यहां एक पैनल डिस्कशन में भी हिस्सा लिया है, जिसमें उन्होंने कहा, ‘बहुत से लोग अब भी आश्चर्यचकित हैं कि जी20 शिखर सम्मेलन में, हमने वास्तव में सभी को एक साथ कैसे ला दिया. मुझे नहीं लगता कि उन्हें इसकी पूरी उम्मीद थी. तो ऐसे लोगों का एक समूह होगा जो अब भी सोच रहा होगा कि यह कैसे हुआ? दूसरा हिस्सा, मुझे लगता है कि जिससे यहां उपस्थित लोग मेरे साथ सहमत हैं, और उन्होंने इस बात की सराहना की है कि हमने G20 को ग्लोबल साउथ पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है. जिस काम के लिए G20 बनाया गया था, जो कि वैश्विक वृद्धि और विकास था, इस पर और ग्लोबल साउथ पर विशेष ध्यान देने के साथ हमने उन्हें तैयार किया है.’

इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र से इतर दूसरे देशों के अपने समकक्षों के साथ सिलसिलेवार द्विपक्षीय बैठकें कीं. जयशंकर ने कहा, ‘न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर अपने दोस्त मिस्र के विदेश मंत्री सामेह शौक्री को देखकर अच्छा लगा. जी20 की अध्यक्षता के लिए उनके द्वारा भारत की तारीफ की सराहना करता हूं. हमारे द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति के बारे में जाना.’ उन्होंने कहा कि भारत और मिस्र के रिश्तों के लिए 2023 एक अद्भुत वर्ष रहा है और वह संबंधों को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जयशंकर ने गिनी-बिसाऊ के विदेश मंत्री कार्लोस परेरा से भी मुलाकात की.

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर गिनी-बिसाऊ के विदेश मंत्री कार्लोस परेरा से मिलकर अच्छा लगा. हमने दोनों देशों के बीच विकास साझेदारी के विस्तार और व्यापार एवं निवेश बढ़ाने पर चर्चा की.’ एस जयशंकर ने साइप्रस के विदेश मंत्री कन्स्टंटीनोस कोम्बोस से भी मुलाकात की. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति क्रिस्टोडोलिडेस को शुभकामनाएं भेजी हैं. पिछले साल दिसंबर में मेरी यात्रा के बाद उठाए गए कदमों को लेकर बातचीत हुई. भूमध्य सागर में भारत की रुचि लगातार बढ़ रही है. साइप्रस हमेशा एक अहम भागीदार रहेगा.’ जयशंकर ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘युगांडा के विदेश मंत्री जनरल जेजे ओडोंगो से संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर फिर से मिलकर बहुत खुशी हुई. युगांडा के दौरे के दिन फिर से याद आ गए. विभिन्न द्विपक्षीय पहलों की प्रगति को देखकर खुशी हुई.’

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