एमपी में यहां चकमक पत्थर से जलती है होलिका, 3 हजार साल पुरानी परंपरा

शुभम मरमट / उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी मेंहोली का पर्व बड़ेही धूमधाम से मनाया जाता है. उज्जैन की सबसे प्राचीन होलिका दहन की परंपरा सिंहपुरी क्षेत्र की है. प्राचीन परंपरा, प्रकृति संरक्षण की मिसाल है. कंडों की होली एक प्राचीन परंपरा है.आताल-पाताल महाभैरव क्षेत्र के अंतर्गत सिंहपुरी में पांच हजार कंडों की होलिका तैयार की जाती है. इस होली में लकड़ी का उपयोग नहीं किया जाता है. एक के ऊपर एक सात गोले बनाकर कंडों की होली सजाई जाती है. तड़के चकमक पत्थर से अग्नि प्रज्वलित कर होली दहन होता है. सिंहपुरी की होली को सिंधिया स्टेट के समय से ही सबसे प्राचीन होली का दर्जा प्राप्त है.

सिंहपुरी की होली 3000 साल पुरानी तो है, लेकिन इस होली से कई मान्यता जुडी हुई है. पूर्णिमा को शाम के समय सुहागिन महिलाओं और विवाह योग्य युवतियों द्वारा सौभाग्य सामग्री से होलिका का पूजन किया जाता है. गुड़ से बने व्यंजनों का भोग अर्पित होता है. मनोकामना पूर्ति के लिए गोबर के पताशे की माला अर्पित की जाती है. प्रात: ब्रह्ममुहूर्त में वैदिक अग्नि का आह्वान कर होलिका में अग्नि समर्पित की जाती है. प्राचीन समय में इस प्रक्रिया में चकमक पत्थर का उपयोग होता था. दूर-दूर से लोग इस होलिका के दर्शन करने आते हैं.

राजा भृतहरि से जुडा है सिंहपुरी की होली में का इतिहास
भारतीय संस्कृति में मनीषियों ने हजारों साल पहले इस बात को सिद्ध कर दिया था कि पंच तत्वों की शुद्धि के लिए गोबर का विशेष रूप से उपयोग होता है. यही परंपरा यहां तीन हजार साल से स्थापित है. सिंहपुरी की होली का उल्लेश श्रुत परंपरा के साहित्य में तीन हजार साल पुराना है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सिंहपुरी की होली में सम्मिलित होने के लिए राजा भर्तृहरि आते थे.यह काल खंड ढाई हजार साल पुराना है.

मंत्रोच्चार के साथ होता है होलिका दहन
ज्योतिषआचार्य पंडित अमर डब्बा ने कहा कि ब्रह्म मुहूर्त के समय वैदिक पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार करते हुए होलिका को आमंत्रित कर पंरपरा के आधार पर आतिथ्य उद्घोष करते हुए दहन किया जाता है.धर्मशास्त्र के अनुसार होलिका दहन के समय होलिका के ध्वज का विशेष महत्व बताया गया है, जो दहन के मध्य समय जिसे प्राप्त होता है, उसे जीवन में कभी वायव्य (भूत-प्रेत व जादू टोने का) दोष नहीं लगता, यही कारण है कि इसे प्राप्त करने के लिए युवाओं में होड़ मची रहती है.

Tags: Latest hindi news, Local18, Madhya pradesh news, Religion 18, Ujjain news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *