एमपी के बाद अब राजस्थान में कांग्रेस से रालोद खफा, सपा से बढ़ सकता है भाईचारा

हाइलाइट्स

राजस्थान में भी सीट शेयरिंग में कांग्रेस ने रालोद को भी झटका दिया है
राष्ट्रीय नेताओं की उपेक्षाओं से रालोद मुखिया जयंत चौधरी के मन में खटास

लखनऊ. देश में राजनैतिक पार्टियां लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुट गई हैं. वहीं इस चुनाव के लिए एकजुट हुए विपक्षी दलों में विधानसभा चुनावों ने टकराव बढ़ा दिया है. एमपी में सीट बंटवारे पर सपा-कांग्रेस की कलह तो जगजाहिर है. वहीं अब राजस्थान में भी सीट शेयरिंग में कांग्रेस ने रालोद को भी झटका दिया है.

जानकारी के मुताबिक राजस्थान कांग्रेस नेताओं के रवैये और मसले पर राष्ट्रीय नेताओं की उपेक्षाओं से रालोद मुखिया जयंत चौधरी के मन में खटास पैदा हो गई है. वह अभी ‘वेट एंड वॉच’ के फार्मूले पर काम कर रहे हैं. फिलहाल रालोद पदाधिकारी यूपी में सपा से भाईचारा को और धार देने पर काम करेंगे. रालोद ने पिछले विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर चुनाव लड़ा था. एक सीट पर उसने जीत हासिल कर गहलोत सरकार में भी भागेदारी निभाई.

राजस्थान में पांच सीट मांगी, मिली एक
इस विधानसभा चुनाव में रालोद ने राजस्थान की भरतपुर, अनूपगढ़, मालपुरा, उदयपुरबाटी और सरदारशहर सीट की कांग्रेस से मांग की. लेकिन, कांग्रेस ने उसके लिए सिर्फ भरतपुर सीट ही छोड़ी. इसको लेकर कांग्रेस से रालोद ने मसला भी उठाया. सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान के कांग्रेस नेताओं का भी अड़ियल रवैया रहा. वह एक सीट से ज्यादा रालोद को देने के लिए रजामंद नहीं हुए. वहीं पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी इस मसले पर दिलचस्पी नहीं दिखाई. इस रवैया के चलते रालोद मुखिया का कांग्रेस से मन में खटास आ गई.

Politics: एमपी के बाद अब राजस्थान में कांग्रेस से RLD खफा, लोकसभा चुनाव में सपा से बढ़ेगा भाईचारा

कोसने के बजाए समय का इंतजार
कांग्रेस के इस अनापेक्षित व्यवहार पर रालोद मुखिया ने भले ही सपा मुखिया की तरह आक्रामक रुख न अपनाया हो. लेकिन वह उचित समय और सही परिस्थितियों का इंतजार कर रहे हैं. खासकर, इसके लिए तीन दिसम्बर के बाद का समय का बेहद महत्वपूर्ण होगा, जब चुनावी राज्यों के परिणाम सामने आ जाएंगे. इसी के आधार पर  लोकसभा चुनाव के लिए बन रही विपक्ष की रणनीति पर स्थिति साफ होने लगेगी. चर्चा है कि किसी भी विषम परिस्थितियों में रालोद का पहला विकल्प सपा ही रहेगी. रालोद के राष्ट्रीय महासचिव संगठन त्रिलोक त्यागी ने कहा कि राजस्थान में पार्टी को एक सीट मिली है, फिर भी उनकी पार्टी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है. लेकिन अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा. तीन दिसम्बर के बाद की स्थितियों को देखकर आगे की रणनीति तय होगी. मगर, यूपी में हमारा सपा से गठबंधन मजबूत है.

Tags: 2024 Loksabha Election, 5 State Assembly Elections in 2023, Lucknow news

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