एमपी के गेहूं की देश के समेत विदेश में भी बढ़ी डिमांड, MSP से अधिक मिल रही कीमत

आशुतोष तिवारी/रीवा: जिले में नहरों का जाल बिछने के बाद गेहूं के उत्पादन के मामले में रीवा प्रदेश ही नहीं देशभर में पहचाना जाने लगा है. यही वजह है कि जिले के किसानों का मुनाफा भी बढ़ा है. तो वहीं अच्छे गेहूं के उत्पादन की वजह से रीवा से उत्पादित अनाज की डिमांड दिल्ली सहित हैदराबाद, बेंगलुरू और छत्तीसगढ़ के अलावा देश के अन्य राज्यों और विदेशों से भी आने लगी है. इससे किसानों को एमएसपी से अधिक कीमत भी मिल रही है.

विदेशों में भी रीवा के गेहूं की डिमांड
सहायक उप निरीक्षक मंडी समिति रीवा शांति स्वरूप शर्मा ने कहा कि रीवा में सरकार के प्रयासों से गेहूं का उत्पादन पिछले वर्षों के अपेक्षा काफी बढ़ा है. गेहूं की क्वालिटी अच्छी होने के कारण यहां का गेहूं विदेशों में भी निर्यात किया जा रहा है. मंडी में बिक्री की अच्छी सुविधा होने की वजह से किसान निरंतर गेहूं की बिक्री कर रहे हैं. उनको उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिल रहा है. यहां जो गेहूं लाया जा रहा है उसमें से लोकवन डबल्यू 36, और मालवा है. लोकवन को लोगों के द्वारा ज्यादा काफी पसंद किया जा रहा है.

2 हजार क्विंटल प्रतिदिन हो रही आवक
कृषि उपज मण्डी करहिया में इस समय रोजाना 1500 से 2000 क्विंटल गेहूं की आवक हो रही है. जबकि पूर्व में मण्डी में चार से पांच हजार क्विंटल गेहूं की आवक हो रही थी. मण्डी में कम मात्रा में गेहूं आने की वजह से व्यापारी भी ज्यादा कीमत में किसानों से गेहूं की खरीदी कर रहे हैं. दरअसल हैदराबाद, बंगलुरू और छत्तीसगढ़ में गेहूं का उत्पादन कम होता है. जिससे इन स्थानों में गेहूं की आपूर्ति रीवा से होती है. इसलिए रीवा के गेहूं की काफी डिमांड है.

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