उज्जैन. मध्य प्रदेश के उज्जैन से बड़ी खबर है. हिंदू काल गणना और ग्रीनविच पद्धति से टाइम बताने वाली दुनिया की पहली घड़ी उज्जैन के जंतर-मंतर पर लगेगी. इतना ही नहीं इसके एप से अलग-अलग लोकेशन के सूर्योदय का समय, मुहूर्त काल, विक्रम संवत कैलेंडर, राहु काल, शुभ मुहूर्त, पंचाग सहित समय गणना का भी पता लगाया जा सकेगा. इसका लोकार्पण एक मार्च को होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका वर्चुअल लोकार्पण करेंगे. इस घड़ी को उज्जैन आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु भी देख सकेंगे. गौरतलब है कि उज्जैन खासियतों से भरा हुआ है. यहां 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक महाकाल मंदिर है. उज्जैन पर राजा विक्रमादित्य का राज था.
उज्जैन से ही पूरी दुनिया में विक्रम संवत के नाम से पंचांग और कैलेंडर निकाले जाते हैं. यहीं से कर्क रेखा भी गुजरी है और यहीं पर मंगल का जन्म स्थान भी है. इसलिए यहां का महत्व और भी बढ़ जाता है. दुनिया की पहली अनोखी घड़ी के लिए उज्जैन के जंतर-मंतर में बड़ा टावर बनकर तैयार है. इसी में वैदिक घड़ी लगाई जाएगी. यह विक्रम संवत एप के माध्यम से संचालित की जाएगी. यह विश्व की पहली वैदिक घड़ी भी होगी. इसे जीवाजी वेधशाला में तैयार किया जा रहा है. इसका आकार करीब 10×12 फीट का होगा. यह घड़ी 30 मुहूर्त के साथ समय बताने वाली विश्व की पहली वैदिक घड़ी होगी.
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आम लोग एप के जरिये कर सकेंगे इस्तेमाल
घड़ी की खास बात यह भी है कि इसमें विक्रम पंचांग समाहित रहेगा, जो सूर्योदय से सूर्यास्त तक की जानकारी के साथ ग्रह, योग, भद्रा, चंद्र स्थिति, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएगा. उज्जैन विक्रम शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि ये घड़ी दुनिया की पहली घड़ी होगी. इसमें भारतीय काल गणना को शुध्दतम रूप से दर्शाया जाएगा. घड़ी में विधि, घटी, काल, पल, काथा, मुर्हुत सब कुछ मिलेगा. हम भारतीय काल गणना को पुनः स्थापित करने के उद्देशय से ये घड़ी लगा रहे हैं. आगे चलकर इसके एप को आम लोग अपने मोबाइल पर उपयोग कर सकेंगे.
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FIRST PUBLISHED : February 19, 2024, 07:32 IST