एमपी का यह गांव है तंत्र विद्या के लिए मशहूर, जानें मान्यता

दीपक पाण्डेय/खरगोन.मध्य प्रदेश में एक गांव है . जिसका नाम चोली है. जिसे देवों की नगरी देवगढ़ और मिनी बंगाल के नाम से भी जाना जाता है. यें गांव खरगोन मुख्यालय से लगभग 59 Km दूर विध्यांचल पर्वत से लगा हुआ है. सिद्धियां प्राप्त करने के लिए साधु-महात्मा एवं तांत्रिक खास मौकों पर यहां रात के समय उपासना करते है. अनेक क्रियाएं करते है.

चौसठ योगिनी, 52 भैरव, साढ़े ग्यारह हनुमान होने से गांव को 108 शक्तिपीठ में से एक बताते है. बंगाल, असम के बाद मालवा में उज्जैन के काल भैरव और निमाड़ में चोली गांव को तंत्र विद्या का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता है. यहां गुप्त नवरात्रि में देवी और भैरवनाथ की उपासना के लिए के लिए बड़ी संख्या में तांत्रिक  आते है.

गांव में पॉजिटिव शक्तियां –
हरिद्वार के श्री पंचायती महानिर्वाण अखाड़े के द्वारकापुरी महाराज यहां विगत 17 वर्षो से चौसठ योगिनी माता मंदिर में सिद्धियां प्राप्त करने के लिए उपासना कर रहे हैं. उनका मानना है कि गांव में पॉजिटिव शक्तियां मौजूद है. इसीलिए यह गांव तंत्र विद्या का गढ़ माना जाता है. खासतौर पर नवरात्रि में माता की उपासना की जाती है.

गुप्त रूप से होती है क्रियाएं
गांव के 52 भैरव मंदिर के पुजारी नारायण धनौरिया ने कहा कि पहले गांव में बड़े स्तर पर तांत्रिको (उनकी भाषा में जादूगरों) द्वारा तंत्र विद्याएं की जाती थी, लेकिन अब पहले जैसी बात नहीं रही और ना ही वैसे लोग रहे. हालांकि नवरात्रि में आज भी गांव में कुछ लोग सिद्धियां प्राप्त करने के लिए गुप्त रूप से रात में क्रियाएं करते है.

इसलिए माना जाता है गढ़
गांव के नवीन कुमार एवं किशोर सिंह ठाकुर (तकन बाबा) ने बताया कि गांव को मिनी बंगाल कहते है. छह महीने की रात में इस गांव का निर्माण हुआ था. यहां  52 भैरव, चौसठ योगिनी, 12 शिवलिंग और साढ़े ग्यारह हनुमान होने से तंत्र विद्या का गढ़ माना जाता है. इस गांव में साधु, तांत्रिक यहां सिद्धियां प्राप्त करने आते है. शारदीय नवरात्रि, गुप्त नवरात्रि, चौदस एवं उजाली में यहां आकर क्रियाएं करके सिद्धियां प्राप्त करते है.

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