प्रयागराज6 मिनट पहले
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योगी सरकार ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के लिए एक 3 सदस्यीय समिति का गठन किया है।
उत्तर प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने लंबे समय से चल रही वकीलों की मांग को मानते हुए 3 सदस्यीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी विचार-विमर्श और सुझाव लेने के बाद अपनी रिपोर्ट राज्य विधि आयोग उत्तर प्रदेश को देगी। इसके बाद सरकार इस एक्ट को लागू करेगी।
उत्तर प्रदेश शासन के न्याय अनुभाग-7 (कल्याण निधि) की ओर से जारी कार्यालय ज्ञान में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल तैयार करने के लिए विचार-विमर्श के लिए 3 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। तीन सदस्यीय जांच समिति में प्रमुख सचिव, विधायी विभाग उत्तर प्रदेश शासन, अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन उत्तर प्रदेश व उत्तर प्रदेश विधिज्ञ परिषद प्रयागराज द्वारा नामित प्रतिनिधि समिति के सदस्य होंगे।
यह समिति बैठक कर एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल के मसौदे और विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करेगी। लोगों से सुझाव भी मांगेगी। इसके बाद एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल पर अपना मत स्थापित करने के बाद अपने सुझाव-संस्तुति राज्य विधि आयोग उत्तर प्रदेश को सौंपेगी। इसके बाद राज्य विधि आयोग इसे शासन को मंजूरी के लिए भेजेगी। इस आशय का आदेश प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, न्याय एवं विधि परामर्शी द्वारा जारी किया गया है।
यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की थी।
सरकार की पहल का यूपी बार काउंसिल स्वागत करती है
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ का कहना है कि यह सरकार का सराहनीय कदम है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना बेहद जरूरी है। अधिवक्ताओं की यह लंबे समय से मांग चल रही थी, जिसे पूरा करने की ओर सरकार ने पहला कदम बढ़ाया है। यह स्वागत योग्य है।
उनका कहना है कि अधिवक्ता की सुरक्षा बहुत जरूरी है। अगर वह सुरक्षित नहीं रहेगा तो अपराधियों और समाज के अराजक तत्वों के खिलाफ गरीबों और मजलूमों की लड़ाई कैसे लेगा? एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने को लेकर यूपी बार काउंसिल मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से पहले भी मिल चुका है। उन्होंने हमें आश्वासन दिया था। किसी कारणवश इस एक्ट पर उस समय बात नहीं बन पायी थी।