एक शिक्षक ने पलामू के उजाड़ सरकारी विद्यालय को बना दिया टॉपर स्कूल

शशिकांत ओझा/पलामू. सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने और विद्यार्थियों को उच्चतर शिक्षा प्रदान कराने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. जहां एक ओर हर जिले में ‘एक्सीलेंस ऑफ स्कूल’ के तहत सीबीएसई पैटर्न पर शिक्षा दी जा रही है, वहीं प्रखंड स्तर पर मौजूद स्कूलों को ‘आदर्श विद्यालय’ के रूप में विकसित किया जा रहा है.

शिक्षकों द्वारा भी छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा देने का कार्य किया जा रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण है पलामू का नीलांबर पीतांबर पुर प्रखंड अंतर्गत राजकीय कृत प्लस 2 उच्च विद्यालय. जहां से हर वर्ष विद्यार्थी जिले समेत राज्य भर में नाम रोशन कर रहे हैं. वहीं इस विद्यालय की व्यवस्था और सुविधा जिले के अन्य विद्यालय से खुद को बेहद अलग बनाती है.

विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य अमरेश कुमार ने बताया कि यहां सरकार की योजनाओं से बच्चों को जोड़ने के लिए टीम वर्क के तहत कार्य किया जाता है. पलामू के शायद ही किसी विद्यालय में ऐसी साइंस लैब होगी, जहां 24 घंटे बिजली और पानी के साथ प्रयोग के लिए इतने उपकरण होंगे. इस विद्यालय में एक पुस्तकालय है, जहां स्कूल और बच्चों के रुचिपूर्ण किताबों का संग्रह है.

5 साल पहले जीर्ण-शीर्ण था स्कूल
आगे बताया कि इसकी शुरुआत 5 वर्ष पहले हुई, जब उन्होंने प्राचार्य का प्रभार लिया. उस दौरान विद्यालय काफी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था. विद्यालय पांच शिक्षकों के भरोसे चलता है. तब टीम योजना बनाकर कर शिक्षा और सुविधा को दुरुस्त करने का कार्य शुरू हुआ. इसके लिए उन्होंने दीर्घकालीन और लघु कालीन प्लान बनाकर कार्य किया. इसके लिए कम छात्रों में भी उनके रुचि के अनुसार शिक्षा देना शुरू हुआ. धीरे-धीरे छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ने लगी और आज इतने छात्र-छात्रा आते हैं कि बैठने के लिए जगह कम पड़ती है. यहां कला की भी क्लास नियमित रूप से संचालित होने लगी है. इसके लिए सरकार के कई योजनाओं का लाभ से विद्यालय को चुस्त दुरुस्त किया गया. इसके लिए अधिकारियों का भी भरपूर सहयोग मिला. आज कक्षा 9वीं से 12वीं तक में 2000 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने आते हैं.

सपना, बच्चे बने टॉपर
प्राचार्य ने बताया की 4 वर्षों से विद्यालय से हर वर्ष टॉपर निकलते हैं. हमारा सपना है कि यहां से टॉपर निकलकर छात्र-छात्राएं सिविल सर्विस में जाएं. इस वर्ष भी इस विद्यालय से कला संकाय में विकास कुमार जिला टॉपर बने. वहीं स्कूल राज्य में भी टॉप 10 में रहा. इतना ही नहीं, भारत को जानो प्रतियोगिता झारखंड का प्रतिनिधित्व करते हुए शील्ड प्राप्त किया.

24 घंटे तीसरी आंख से मॉनिटरिंग
बताया की शुरुआत में विद्यालय से आए दिन सामान की चोरी होती थी. जिस पर रोक लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. साथ ही 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो इसके लिए 15 वोल्ट का सोलर पैनल लगाया गया. पूरे कैंपस में 15 सीसीटीवी कैमरे हैं, जो स्कूल के बाहर के साथ क्लासरूम और ब्लैकबोर्ड तक की हर पल को कैप्चर करते हैं. लगभग 1 एकड़ में फैला इसका कैंपस है. पूरी तरह सुविधा बच्चों के लिए है. बिजली पानी 24 घंटे उपलब्ध है. विद्यालय में 4 स्मार्ट क्लास रूम, 2 आईसीटी लैब, 2 वोकेशनल लैब, 35 सीसीटीवी कैमरे, साइकिल, बाइक की अलग-अलग पार्किंग व्यवस्था, खेलने के लिए इंडोर और आउटडोर स्टेडियम उपलब्ध है.

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