एक ने बनाया ड्रोन तो दूसरे ने सेंसर डस्टबिन.., ऐसी है लखनऊ के नवाबों की खोज

अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ:- आज पूरे देश में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जा रहा है. इसी दिन भारत के महान वैज्ञानिक सीवी रमन ने ‘रमन इफेक्‍ट’ की खोज की थी. बात करें इस साल की, तो इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम ‘विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक’ रखी गई है.

इसी थीम को ध्यान में रखते हुए लखनऊ के दो युवा वैज्ञानिकों ने ऐसे आविष्कार किए हैं, जो आने वाले वक्त में ना सिर्फ देश की सेना को मजबूती देंगे, बल्कि किसानों और आम जनता को भी एक बेहतर जिंदगी देने का काम करेंगे. यह दोनों युवा वैज्ञानिक ड्रोन मैन ऑफ इंडिया और रोबोटिक साइंटिस्ट के नाम से मशहूर मिलिंद राज से ट्रेनिंग ले रहे हैं, जिनका नाम श्रेयांश मल्होत्रा और कृष्णा गंगवार है.

कृष्णा गंगवार ने किए तीन अविष्कार
कृष्णा गंगवार कक्षा 5 में हैं और उनका सपना डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसा वैज्ञानिक बनने का है. उन्होंने एक नहीं, बल्कि तीन अविष्कार किए हैं. ये तीनों आविष्कार लोगों की जिंदगी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं और जिंदगी को आसान करने वाले हैं. कृष्णा ने सबसे पहले एक सेंसर से चलने वाला ‘डस्टबिन’ बनाया है. इसके आगे सिर्फ हाथ लगाते ही वह खुल जाता है और हाथ हटाते ही बंद हो जाता है. यानी डस्टबिन को ना हाथ से छूने की जरूरत है और ना पैर लगाने की जरूरत है, सिर्फ आपके इशारों पर डस्टबिन नाचेगा. इसके अलावा इन्होंने एक लैंप बनाई है, जो कमरे में अगर कोई नहीं होगा, तो अपने आप बंद हो जाएगी. इससे बिजली बर्बाद नहीं होगी. इसके अलावा उन्होंने एयर प्यूरीफायर बनाया है, जो प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य को बचाएगा.

सेना को मजबूती देगा श्रेयांश का ड्रोन
श्रेयांश मल्होत्रा उत्तर प्रदेश के काफी चर्चित युवा वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने इलेक्ट्रिक कार भी बनाई थी और काफी चर्चित हुई थी. अब श्रेयांश मल्होत्रा 11वीं कक्षा में हैं. इन्होंने हमारी भारतीय सेना को मजबूती देने के लिए एक अनोखा ड्रोन बना दिया है, जिसे एफपीवी यानि फर्स्ट पर्सन व्यू ड्रोन कहते हैं. यह एक हाई स्पीड रेसिंग ड्रोन है, जिसको एक चश्मा पहनकर चलाया जाता है. इस चश्मे के जरिए ड्रोन की स्पीड भी ज्यादा हो सकती है और इसके जरिए किसी भी चीज को आसानी से कम समय में एक्यूरेसी के साथ देखा जा सकता है.

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ड्रोन मैन ऑफ इंडिया हैं गुरु
इन दोनों ही युवा वैज्ञानिकों के गुरु रोबोटिक साइंटिस्ट मिलिंद राज हैं, जिन्हें ड्रोन मैन ऑफ इंडिया का नाम देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम ने उनके काम से प्रभावित होकर दिया था. साल 2023 में लखनऊ में हुई इन्वेस्टर्स सबमिट में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके काम से प्रभावित होकर काफी प्रशंसा की थी. दोनों युवा वैज्ञानिकों के बारे में जब मिलिंद राज से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि ऐसे ही तमाम युवा वैज्ञानिकों को वह तैयार कर रहे हैं, जो आने वाले वक्त में देश को काफी मजबूती देंगे और देश के हर क्षेत्र को अपने अविष्कारों से विकसित करेंगे. उन्होंने बताया कि इतनी कम उम्र में अगर ये इतना अच्छा आविष्कार कर रहे हैं, तो आने वाले वक्त में ये कितना अनोखा आविष्कार कर सकते हैं, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

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