एक गाय थी गंगा… मरने पर रोने लगे लोग, साड़ी ओढ़ाई, माला चढ़ाया, निकाली अंतिम यात्रा

राहुल दवे/ इंदौर: एक गाय थी गंगा. वह गौशाला में अन्य गायों के साथ रहती थी, सभी गायों की तरह वह भी सामान्य गाय ही थी, लेकिन भक्तों के लिए खास थी. बीमारी के चलते अचानक गंगा का निधन हो गया. उसके निधन की खबर सुन भक्तों का तांता लग गया और जब गंगा को परिवार के सदस्य की तरह अंतिम विदाई देते हुए यात्रा निकाली गई तो भक्तों की आंखों से आंसू निकल आए. पूरे विधि-विधान से गंगा का अंतिम संस्कार किया गया.

बैंड-बाजे से निकाली अंतिम यात्रा
इंदौर के एयरपोर्ट रोड स्थित आराधना नगर में प्राचीन श्री काशी विश्वनाथ धाम मंदिर में गौशाला है. यहां गंगा नाम की गाय की मौत के बाद रहवासियों ने गौ माता का पारिवारिक सदस्य की तरह अंतिम संस्कार किया. गंगा को साड़ी ओढ़ाई गई और बैंड बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकालकर पूर्ण विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया.

कुछ महीनों से थी बीमार
मंदिर के सेवक चिंटू बाजपेई ने बताया गया कि गौशाला में सैकड़ों गाये हैं और यहां पर रहवासी व तमाम भक्तों द्वारा बेहतर रूप से सेवाएं दी जाती हैं. उन्हीं में से एक गंगा नाम की गाय थी. वह कुछ महीनों से बीमार चल रही थी. गाय का इलाज भी डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा था, लेकिन अचानक से गंगा का निधन हो गया.

आंखें हो गईं नम
गंगा के निधन की जानकारी लगते ही तमाम रहवासी और गौ भक्त गौशाला में पहुंच गए. सभी से निर्णय लिया कि पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. बस फिर क्या था थोड़ी ही देर में गौ माता के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हो गई और साड़ियां ओढ़ाने, पुष्पमाला चढ़ाने के बाद गौ माता की बैंड बाजा के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई.

हर कोई करता रहा याद
आश्रम की गौशाला में नियमित आकर गायों की सेवा करने वालों के साथ ही रहवासी भी गंगा गाय के निधन के बाद उसे याद करते दिखाई दिए. सभी गंगा की बात करते हुए उसे याद कर रहे थे.

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