ओम प्रकाश निरंजन/कोडरमा. गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए कोडरमा कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एके राय ने बताया कि गेहूं बेहतर उत्पादन प्राप्त करने वाली फसल है. किसानों को गेहूं की बुआई से लेकर कटाई तक विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है, ताकि उन्हें बंपर उत्पादन प्राप्त हो सके.
कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके राय ने बताया कि गेहूं के बुआई के समय किसानों को उन्नत किस्म के बीज का चयन करना चाहिए. इसके अलावे बुआई के समय गेहूं के बीज छींटने के बजाय उसे एक लाइन में बुआई करना चाहिए. बुआई के समय गेहूं के बीज के बीच अंतर रखना काफी जरूरी है. इससे बेहतर उत्पादन होता है. यदि संभव हो तो बुआई के वक्त सीड ड्रिल करें. इससे गेहूं बुआई के समय बीज के बीच में एक समान दूरी रहती है.
फर्टिलाइजर मैनेजमेंट से मिलेगा उचित पोषण
गेहूं की बुआई कर चुके किसानों के लिए फर्टिलाइजर मैनेजमेंट बेहद जरूरी है. बुआई के समय डीएपी और पोटाश खेत में डालना चाहिए. इसके बाद जब पौधा 25 से 30 दिन का हो जाए तो इसके बाद सिंचाई के उपरांत यूरिया खाद गेहूं की फसल में डालना चाहिए. दूसरी बार जब गेहूं की फसल में कली निकलने लगती है, तब यूरिया का छिड़काव करना चाहिए. वहीं तीसरी बार जब फूल निकलने की अवस्था होती है तब यूरिया का छिड़काव करना चाहिए. इससे गेहूं की फसल का उचित विकास होता है और किसानों को बेहतर उत्पादन प्राप्त होता है.
पर्याप्त सिंचाई के साथ घास को भी हटाने का करें काम
कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके राय ने बताया कि गेहूं की फसल के बेहतर उत्पादन के लिए सिंचाई पर भी किसानों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. गेहूं की फसल को तैयार करने में चार-पांच बार उन्हें सिंचाई करनी चाहिए. बताया कि गेहूं की फसल लगाने के 30 से 35 दिन के बाद किसानों को खेत में घास मारने की दवा का छिड़काव करना चाहिए. खेत में घास उगने से फसल का विकास रुक जाता है, क्योंकि जो पोषक तत्वों की जरूरत गेहूं की फसल को होती है. वह सभी घास खींच लेती है. बताया कि यदि किसान इन नियमों का पालन करेंगे तो उन्हें एक एकड़ में 40 से 45 क्विंटल गेहूं का उत्पादन प्राप्त होगा.
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FIRST PUBLISHED : January 20, 2024, 13:06 IST