दीपक पाण्डेय/खरगोन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मनुष्य का जीवन नवग्रहों पर आधारित है. समय-समय पर बदलती ग्रहों की दिशा जीवन में सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव डालती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आकस्मिक दुर्घटनाओं के लिए किस ग्रह को मुख्य कारक माना जाता है? इससे बचने के लिए क्या उपाय करने होंगे. इन उपायों के लिए खासकर अमावस्या का दिन श्रेष्ठ बताया गया है.
खरगोन निवासी ज्योतिष शास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. बसंत सोनी ने बताया की वाहन चलाने वाले व्यक्ति का मस्तिष्क भ्रमित होता है, तभी दुर्घटनाएं, विस्पोट और आपसी झगड़े या विवाद होते हैं. यह सब मंगल ग्रह की वजह से ही होता है. नए साल की पहली अमावस्या यानी पौष अमावस्या के दिन धनु लग्न की पत्रिका बन रही है. इसके अंदर सूर्य, मंगल, चंद्रमा और बुध ग्रह एक साथ विद्यमान हैं. राहु का भी प्रभाव पड़ रहा है.
इस समय होती है ज्यादा दुर्घटनाएं
दिन और रात में 12 से 3 बजे के बीच का समय पितरों का समय माना जाता है. इस टाइम अतृप्त आत्माएं विचरण करती हैं. ज्यादातर दुर्घटनाएं इसी समय होती हैं. क्योंकि इसी समय मंगल, सूर्य और चंद्र यह तीनों ग्रह भ्रमित करते हैं. साथ ही राहु का भी प्रभाव माना गया है.
पितरों के निमित्त करें दान
ज्योतिषी बसंत सोनी का कहना है कि अमावस्या का दिन काफी शुभ माना जाता है. यह पितरों का दिन रहता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान एवं दान करने से पुण्य लाभ मिलता है. दुर्घटनाओं से बचने के लिए इस अमावस्या पर वाहन चलाते हैं तो अपने पितरों का ध्यान करके उन्हें प्रणाम करके निकलें. इसके अलावा उनके निमित्त नदियों, तालाबों में मछलियों को दाना डालें, असहाय व्यक्ति के बीच जरूरत की चीजों का दान करने से अप्राकृतिक आपदाओं एवं दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है.
ग्रहों से संबंधित दान
इसके अलावा राहु का दान भी कर सकते हैं. इसके लिए काला तिल, काली उड़द, सरसों, चने की दाल, लकड़ी का कोयला अपने ऊपर से उतारकर किसी नदी में छोड़ें. मंगल से संबंधित अनाज और लाल रंग की मिठाई मछलियों को डालें. लाभ होगा.
(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य ज्योतिष शास्त्र के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
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FIRST PUBLISHED : January 10, 2024, 16:48 IST