ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने पीटीआई-भाषा के साथ विशेष साक्षात्कार में कहा कि व्यापार समझौते से भारतीय निर्यातकों को ब्रिटेन के बाजार तक पहुंच हासिल करने में मदद मिल सकती है, जिसमें भारत के 4.8 करोड़ लघु एवं मझोले उद्यम भी शामिल हैं. सुनक ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘ एक आधुनिक, दूरदर्शी मुक्त व्यापार समझौता हमें 2030 तक ब्रिटेन-भारत व्यापार को दोगुना करने की हमारी साझा महत्वाकांक्षा की राह पर मजबूती से आगे बढ़ा सकता है.” प्रधानमंत्री सुनक ने ‘पीटीआई-भाषा’ के सवालों का जवाब ईमेल के जरिये दिया.
भारत और ब्रिटेन वर्तमान में महत्वाकांक्षी मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक जुड़ाव के नए द्वार खुलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, ‘‘ एक व्यापार समझौते से भारतीय निर्यातकों को ब्रिटेन के बाजार तक पहुंच हासिल करने में मदद मिल सकती है, जिसमें भारत के 4.8 करोड़ लघु व मझोले उद्यम भी शामिल हैं. हम एक ऐसा समझौता चाहते हैं जो शुल्क तथा लालफीताशाही को कम करे, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं तथा व्यवसायों को ब्रिटेन के उन सामानों तक आसान पहुंच मिल सके जिनका वे पहले से इस्तेमाल कर रहे हैं.”
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि बातचीत में अच्छी प्रगति हुई है और समझौते को अंतिम रूप देने के लिए अभी कुछ रास्ता तय करना है. उन्होंने कहा, ‘‘ हमने इस अध्याय को पूरा करने में अच्छी प्रगति की है. वार्ता का 12वां दौर पिछले महीने पूरा हुआ और यह अबतक का सबसे कठिन दौर था, जिसमें वस्तुओं, सेवाओं तथा निवेश सहित जटिल, संवेदनशील व व्यावसायिक रूप से सार्थक मुद्दे शामिल थे.”
सुनक ने कहा, ‘‘ अब भी कुछ रास्ते तय करना बाकी है, लेकिन मुझे विश्वास है कि हम एक ऐसे समझौते पर सहमत होने में सक्षम होंगे जो ब्रिटेन और भारत दोनों के हित में हो.” उन्होंने कहा, ‘‘ निश्चित रूप से, हम अब भी आगे बढ़ने की उम्मीद करते हैं. इसमें किसी यूरोपीय देश के साथ अपनी तरह के पहले मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना शामिल है, जिसपर भारत ने सहमति व्यक्त की है. मुझे विश्वास है कि हम एक ऐसा समझौता करेंगे जिससे ब्रिटेन और भारत दोनों को फायदा होगा.”
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच हर एक व्यापार.. नई नौकरियों, उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प और ब्रिटिश तथा भारतीय लोगों के बीच एक मजबूत संबंध का प्रतिनिधित्व करता है. गौरतलब है कि मई, 2021 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके तत्कालीन ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन के बीच आयोजित भारत-ब्रिटेन ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के संबंध को आगे बढ़ाकर व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया गया था.
शिखर सम्मेलन में दोनों पक्षों ने व्यापार तथा अर्थव्यवस्था, रक्षा व सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों और लोगों के बीच संबंधों का विस्तार करने के लिए 10 साल का खाका तैयार किया था.
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