उफ्फ यह दुख! बड़े के बाद छोटे बेटे ने किया सुसाइड, बहू ने बेचा घर, भटकने को मजबूर हुई 75 साल की विधवा

शाश्वत सिंह/झांसी: हिंदी भाषा में एक कहावत है “आंखों का पथरा जाना”. इस कहावत का मतलब है कि दुख इतना बढ़ जाए की आंख से आंसू भी ना निकले. कुछ ऐसी ही स्थिति है झांसी की रहने वाली सरोज गुप्ता की. 75 साल की सरोज के छोटे बेटे दीपेश गुप्ता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. सरोज ने बताया कि उनके बेटे ने कुछ समय पहले लोन पर एक टेंपो लिया था. किश्त ना भर पाने की वजह से टेंपो जब्त कर ली गई थी.

रोजगार का कोई जरिया ना होने की वजह से दीपेश परेशान था. इसी परेशानी के चलते उसने फांसी लगा ली. सरोज गुप्ता ने बताया कि कुछ साल पहले उनके बड़े बेटे ने भी आत्महत्या कर लिया था. परिवार में चल रहे कलह की वजह से बड़े बेटे ने यह कदम उठाया था. वह इस दुख से बाहर भी नहीं निकल पाई थी कि छोटे बेटे ने भी सुसाइड कर लिया. पति की मृत्यु पहले ही हो चुकी है. अब उनके पास कोई सहारा नहीं है.

विधवा पेंशन भी हुई बंद
पुराना शहर इलाके में रहने वाली सरोज गुप्ता ने बताया कि जिस घर में वह रहती थी, वह बड़ी बहू के नाम पर था. बेटे की मौत के बाद उसने वह मकान बेच दिया. छोटे बेटे ने टेंपो खरीदा तो वह भी जब्त हो गया. पहले विधवा पेंशन मिलता था. वह भी बंद हो चुका है. अब उनके पास ना सर छुपाने के लिए कोई जगह है और ना ही ख्याल रखने वाला कोई रिश्तेदार. सरोज ने कहा कि अगर टेंपो मिल गया तो उसे किराए पर चढ़ा देंगी.

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