
कोटक महिंद्रा बैंक.
नई दिल्ली:
कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पद से संस्थापक उदय कोटक के अलग होने के बाद कंपनी के दो पूर्णकालिक निदेशक के वी एस मणियन एवं शांति एकंबरम इस शीर्ष पद की दौड़ में शामिल हैं. कोटक ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से चार महीने पहले ही एक सितंबर को कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी एवं सीईओ का पद छोड़ दिया है. बैंक के एमडी एवं सीईओ पद से हटने के बाद कोटक बैंक के गैर-कार्यकारी निदेशक बन गए हैं. उनकी बैंक में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
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नए मुखिया को एक जनवरी, 2024 या उसके पहले अपना कार्यभार संभालना होगा. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जल्द ही निजी क्षेत्र के इस बैंक के नए मुखिया की नियुक्ति पर कोई फैसला करेगा. हालांकि, शीर्ष पद पर कोई फैसला न होने तक बैंक के संयुक्त प्रबंध निदेशक दीपक गुप्ता 31 दिसंबर, 2023 तक अंतरिम तौर पर बैंक के एमडी एवं सीईओ का दायित्व निभाते रहेंगे. हालांकि, गुप्ता की इस नियुक्ति को आरबीआई की मंजूरी मिलनी अभी बाकी है.
कोटक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा था, ‘‘कोटक महिंद्रा बैंक का उत्तराधिकार मेरे दिमाग में सबसे महत्वपूर्ण है. इसकी वजह यह है कि हमारे चेयरमैन, खुद मुझे और संयुक्त प्रबंध निदेशक को साल के अंत तक पद छोड़ना होगा. मैं यह सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक हूं.”
कोटक ने इस बदलाव की शुरुआत सीईओ पद स्वेच्छा से छोड़ने की घोषणा के साथ की थी. उन्होंने कहा कि था कि बैंक को प्रस्तावित उत्तराधिकारी के नाम पर आरबीआई की मंजूरी मिलने का इंतजार है.
कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक कोटक ने एक बार कहा था, ‘‘मैंने जेपी मॉर्गन और गोल्डमैन साक्स जैसे संस्थानों को वित्तीय जगत पर दबदबा बनाते हुए देखा था और भारत में भी ऐसी एक संस्था बनाने का सपना देखा था. मैंने इसी सपने के साथ 38 साल पहले तीन कर्मचारियों के साथ कोटक महिंद्रा की शुरुआत की थी.”
उन्होंने कहा था कि कोटक महिंद्रा बैंक अब एक प्रतिष्ठित बैंक एवं वित्तीय संस्थान है जो भरोसे और पारदर्शिता के बुनियादी सिद्धांतों पर बनाया गया है.