उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र की शुरूआत जल्द, सरकार को गिरने की तैयारी में विपक्ष, कल होगी सर्वदलीय बैठक

उत्तर प्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र की शुरुआत मंगलवार 28 नवंबर से होनी है। उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र बेहद अहम होने वाला है। यह सत्र नए नियमों के तहत संचालित होने जा रहा है जिस कारण सदस्यों के लिए यह सत्र खास होगा। अभी है हम इस विधानसभा सत्र में सदस्य सदन के अंदर मोबाइल फोन लेकर नहीं जा सकेंगे। बता दें कि विधानसभा की कार्यवाही 65 वर्षों बाद बनाई गई नए नियमों के तहत संचालित की जाएगी। इसके साथ ही महिला सदस्यों को भी खास वरीयता दी जाएगी जिससे उनके पास अपनी बात रखने का मौका होगा। संभावना है कि यह सत्र 1 दिसंबर तक चलेगा।

इस संबंध में शनिवार को बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया कि कई वर्षों के बाद राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार में विधानसभा सत्र नये नियमों के साथ संचालित होगा। पिछले सत्र में ही बदलावों को अनुमति मिलने के बाद अब इस सत्र से इन्हें लागू कर दिया जाएगा। इसके अंतर्गत अब सदस्यों को सदन में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा सत्र के दौरान सदन में झंडा और बैनर ले जाने पर भी प्रतिबंध होगा। बयान में यह भी कहा गया कि सत्र के दौरान महिला सदस्यों को खास वरीयता दी जाएगी ताकि वह अपनी बात रखें। 

विधानसभा के सदस्यों के लिए विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने शीतकालीन सत्र की अधिसूचना जारी कर दी है। इसे लेकर दुबे ने अधिसूचना के मुताबिक मंगलवार से शुरू होने वाले राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन के वर्तमान और पूर्व सदस्यों के निधन पर शोक व्यक्त किया जाएगा। इसके बाद 29 नवंबर को पहले प्रहर में सदन में औपचारिक कार्य, जिसमें अध्यादेशों, अधिसूचनाओं, नियमों आदि को सदन के पटल पर रखा जाएगा। साथ ही विधेयकों का पुर:स्थापन कार्य होगा। दोपहर 12:30 के बाद वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुपूरक अनुदानों की मांगों को प्रस्तुत करने के साथ अन्य विधाई कार्य निपटाए जाएंगे। सत्र के तीसरे दिन 30 नवंबर को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुपूरक अनुदानों पर चर्चा होगी। सदस्यों की मांगों पर विचार एवं मतदान होगा। इसके अलावा अन्य विधाई कार्य निपटाए जाएंगे। एक दिसंबर को भी विधायी कार्य निपटाए जाएंगे।

होंगे कई बदलाव

सदन की कार्यवाही के दौरान कई बार देखने को मिलता है कि सदस्य सदन की गरीमा का ध्यान नहीं रखते है। ऐसे कई मामलों में विवाद की स्थिति बन जाती है। इससे बचने के लिए राज्य विधानसभा के नियम बदले गए है, जिसके तहत सदन में सत्र के दौरान सदस्य मोबाइल, झंडे, प्रतीक चिन्ह या प्रदर्शन करने के लिए अन्य सामान नहीं ले जा सकेंगे।

इस मुद्दे पर घेरेगा विपक्ष

राज्य विधानसभा सत्र में विपक्षी दल सत्ता पक्ष को जातिगत जनगणना के मामले पर घेरेंगे। वर्तमान समय में समाजवादी पार्टी के नेता जातिगत जनगणना के मामले पर लगातार सरकार पर आक्रामक रुख अपना रहे है। राज्य में लोकसभा चुनाव के पहले समाजवादी पार्टी से लेकर कांग्रेस भी जातीगत जनगणना के मामले पर आक्रामक रुख अपना रही है।

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