उत्तराखंड सुरंग से बचाए गए 41 मजदूरों को चिनूक हेलिकॉप्टर से किया गया एयरलिफ्ट

नई दिल्ली:
उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए श्रमिकों को हेलीकॉप्टर से बुधवार को ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) लाया गया जहां उनका गहन स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा.भारतीय वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए सभी 41 श्रमिकों को चिन्यालीसौड़ से एम्स ऋषिकेश लाया गया है.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूरों को मंगलवार शाम को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जिसके बाद उनके परिवारों समेत पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई. इसे उत्तराखंड सरकार की भी हर तरफ वाहवाही हो रही है.

  2. मंगलवार शाम 7.50 बजे पहले मजदूर को सुरंग से बाहर निकाला गया. इसके करीब 45 मिनट बाद सभी 41 मजदूरों को एक के बाद एक बाहर निकाल लिया गया. टनल में बने अस्थायी अस्पताल में पहले सभी का मेडिकल चेकअप हुआ. उसक बाद उनको एम्बुलेंस से 30-35 KM दूर चिन्यालीसौड़ के अस्पताल भेजा गया.

  3. धामी सरकार ने सभी 41 मजदूरों के लिए पेड लीव का ऐलान किया है, जिससे वह अपने परिवारों के साथ समय बिता सकें. बचाए गए श्रमिकों को 24 घंटे डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया है. अस्पताल में इलाज पर होने वाला खर्च सरकार उठाएगी. इनके अलावा मजदूरों और उनके परिजनों के खाने, रहने की भी व्यवस्था भी सरकार कर रही है.

  4. सुरंग के बाहर मौजूद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने टनल से बाहर निकलते ही मजदूरों का फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया. धामी सरकार ने सभी 41 मजदूरों के लिए 1-1 लाख रुपए की राहत राशि देने का एलान किया है. 

  5. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरंग से बाहर आए मजदूरों से फोन पर बात कर उनका हालचाल जाना. पीएम लगातार रेसक्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे. पीएम ने उनके हौसले को खूब सराहा.

  6. मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने में रैट माइनर्स हीरो बनकर उभरे हैं. उन्होंने मैनुअली सुरंग की खुदाई कर फतह हासिल की. मजदूरों और रेस्क्यू टीम के बीच सिर्फ 60 मीटर की दूरी थी. रैट माइनर्स ने 21 घंटे काम करके 58 मीटर की मैनुअल ड्रिलिंग पहले ही कर ली थी, मंगलवार को 2 मीटर की मैनुअल ड्रिलिंग को भी पूरा कर लिया गया. 

  7. मजदूरों को निकालने के लिए 17 दिन तक चली सांस रोकने वाली लड़ाई बिल्कुल थका देने वाली थी. भारत में अब तक ये सबसे बड़ा बचाव अभियान रहा. मजदूरों को सुरक्षित रखने और निकालने में किसी ने कोई कसर नहीं छोड़ी. इसके लिए अमेरिका तक से ऑगर मशीनें मंगाई गईं. तरह-तरह से पहाड़ का सीना चीरने की कोशिश हुई.

  8. ऑगर मशीन से ड्रिलिंग नाकाम होने के बाद वर्टिकल और मैनुअल खुदाई शुरू की गई. मैनुअली खदाई के लिए रैट माइनर्स की टीम को बुलाया गया. अंतिम 10-12 मीटर की मैनुअल खुदाई के बाद पाइपों को अंदर डाला गया, जिससे मजदूर बाहर आ सके. 

  9. पुष्कर धामी सरकार ने उत्तराखंड में सभी निर्माणाधीन सुरंगों की समीक्षा करने की बात कही है, जिससे आने वाले समय में इस तरह का हादसा होने से रोका जा सके. फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित हैं.

  10. सिलक्यारा सुरंग स्थल के पास बौखनाग मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बाबा बौखनाग और देवभूमि के देवी-देवताओं की कृपा से ऑपरेशन सफल हुआ है. बौखनाग देवता का सिलक्यारा में भव्य मंदिर बनाया जाएगा, इसके लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं.

     

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