पवन सिंह कुंवर/हल्द्वानी.उत्तर भारत का एकमात्र 18 भुजाओं महालक्ष्मी मंदिर हल्द्वानी से सटे बेरीपड़ाव में स्थित है. मंदिर में 18 भुजाओं वाली मां महालक्ष्मी की प्रतिमा विराजमान है. लोगों में इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है. मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां पूजा-अर्चना करता है, अष्टादश महालक्ष्मी माता उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं और उसके पास कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है.
मंदिर के महामंडलेश्वर सोमेश्वर यति जी महाराज ने बताया कि नवरात्रि, दीपावली व अन्य शुभ अवसरों पर काफी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा के सभी 9 रूपों के स्वरूपों की कथा का विस्तारपूर्वक संगीतमय वर्णन करने के लिए श्रीमद्देवीभागवत महापुराण का भी आयोजन किया जाता है. जो भी भक्त सच्चे मन से अपनी मनोकामना लेकर आते हैं उनकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती है.
नवरात्रि में लगता है श्रद्धालुओं का तांता
हल्द्वानी में नवरात्रि के मौके पर मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. कुमाऊं मंडल में मां लक्ष्मी के सभी 9 रूपों का एकमात्र अष्टादशभुजा महालक्ष्मी मंदिर बेरीपड़ाव में स्थित है. जहां दूर-दूर से श्रद्धालु आकर मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा अर्चना कर रहे हैं. बेरीपड़ाव स्थित महालक्ष्मी मंदिर में शारदीय नवरात्र में दूर-दूर से श्रद्धालु आकर मां के दर्शन कर रहे हैं. महामंडलेश्वर सोमेश्वर यति महाराज ने बताया कि हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है यह पर्व मां की उपासना और नारी शक्ति को संकल्पित रखने का समय है.
2004 में पड़ी थी मंदिर की नींव
महालक्ष्मी मंदिर उत्तराखंड के नैनीताल जिले में बेरी पड़ाव लालकुआं हल्द्वानी में स्थित है. मंदिर देवी महालक्ष्मी को समर्पित है, मंदिर बहुत सुंदर और अद्भुत है. अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मन्दिर की स्थापना तपस्वती संत एवं महामण्डलेश्वर श्री-श्री 1008 बालकृष्ण यति महाराज द्वारा कराई गयी थी. इसलिए इसे बालकृष्ण यतिधाम भी कहा जाता है. वर्ष 2004 में भूमि पूजन के साथ ही इस मंदिर की नींव पड़ गयी थी. लेकिन मन्दिर एवं आश्रम परिसर का निर्माण 2005-2006 में किया गया.
देवी महालक्ष्मी को समर्पित है मंदिर
इसी क्रम में 20 अप्रैल 2007 को अष्टादश भुजा महालक्ष्मी देवी की मूर्ति स्थापना के साथ ही प्राण प्रतिष्ठा की गयी. यह शहर के सबसे बड़े और सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिरों में से एक है. मंदिर सफेद रंग के तीन मुख्य गुंबदों के साथ एक बहुत बड़ी संरचना है. हालांकि अष्टादश भुजा लक्ष्मी मंदिर मुख्य रूप से लक्ष्मी जी को समर्पित है, इसमें विभिन्न सम्मानित देवताओं के मंदिर भी हैं- “भगवान शिव”, “भगवान गणेश” और ” भगवान हनुमान”, मंदिर हर धर्म और जाति के भक्तों को आकर्षित करता है.
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FIRST PUBLISHED : October 20, 2023, 22:20 IST