उत्तराखंड के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार, 2 फरवरी को कमेटी धामी सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट

प्रदेश सरकार ने मई 2022 में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय कमेटी गठित की थी. कमेटी में जस्टिस देसाई के अलावा दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और दून यूनिवर्सिटी की वाइस-चांसलर सुरेखा डंगवाल शामिल हैं.

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म  X पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के विजन और चुनाव से पहले उत्तराखंड की देवतुल्य जनता के समक्ष रखे गए संकल्प, उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप हमारी सरकार प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही है.” 

सीएम ने आगे लिखा, “यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए बनी कमेटी 2 फरवरी को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. हम आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक लाकर समान नागरिक संहिता को प्रदेश में लागू करेंगे.”

एक्सपर्ट कमेटी ने प्रदेश के 13 जिलों में विभिन्न सामाजिक संगठनों बुद्धिजीवी और सभी धर्म के लोगों से समान नागरिक संहिता कानून को लेकर बात की. कमेटी को प्रदेशभर के तकरीबन ऑनलाइन और ऑफलाइन 2.50 लाख से ज्यादा सुझाव मिले है, जिनके आधार पर यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया है.

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उधर, उत्तराखंड सरकार ने विधानसभा का सत्र 5 फरवरी से 8 फरवरी तक बुलाया है. विशेष रूप से यह सत्र समान नागरिक संहिता कानून का ड्राफ्ट सदन में पेश करने के लिए बुलाया गया है. इस विधानसभा सत्र में समान नागरिक संहिता कानून को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच में चर्चा की जाएगी, इसके बाद इसको कानून का रूप देकर प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा. 

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