उत्तराखंड के घने जंगलों में है यम गुफा, यहीं से आए थे मृत्यु के देवता! बड़ी रोचक है कहानी

कमल पिमोली/ उत्तरकाशी: उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है. यहां कई ऐसे साक्ष्य मिलते हैं, जो उत्तराखंड का देवताओं से सीधा संबंध दर्शाते हैं. यहां कई ऐसी विचित्र चीजें हैं, जो लोगों के लिए रहस्य व उत्सुकता का विषय बनी  रहती हैं. ऐसी ही एक रहस्यमयी गुफा नचिकेता ताल के पास है. माना जाता है कि यह गुफा मृत्युलोक का रास्ता खोलती है. इस गुफा को यम गुफा के नाम से भी जाना जाता है. दिखने में सामान्य लेकिन अपने आप में विशेष यम गुफा हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित नचिकेता ताल के पास यम गुफा है. गुफा को लेकर कई तरह की किवदंतियां भी मशहूर हैं. यही कारण है कि नचिकेता ताल घूमने वाले सैलानी यम गुफा को देखना नहीं भूलते, हालांकि यह गुफा कहां जाकर खत्म होती है, इसका अभी तक कोई प्रमाण नहीं है.

उत्तरकाशी चौरंगीखाल से तीन किलोमीटर की दूरी तय कर यहां पहुंचा जा सकता है. नचिकेता ताल से 50 मीटर की दूरी पर यम गुफा है. मान्यताओं के अनुसार, इसी गुफा से यमराज पृथ्वी पर आये थे और बालक नचिकेता को मौत का रहस्य बताया था. शास्त्रों और पुराणों के अनुसार धरती पर केवल नचिकेता ही एक ऐसा इंसान था, जिसे मृत्यु के रहस्यों का पता चला था. इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है. दरअसल नचिकेता के पिता ऋषि वाजश्रवा द्वारा यहां यज्ञ का आयोजन किया गया. साथ ही यह भी ऐलान किया कि वह अपनी सारी संपत्ति दान करेंगे. इस दौरान बड़ी संख्या में ब्राह्मण यहां पहुंचे. जब सब कुछ दान करने के बाद ऋषि अपनी बूढ़ी गायों व अनुपयोगी सामान को दान करने लगे, तो ब्राह्मणों ने आपत्ति जताई. ऐसे में बालक नचिकेता ने खुद को दान करने की बात पिता से कही. नचिकेता अपनी बात को लेकर जिद पकड़ बैठ गया. गुस्से में ऋषि वाजश्रवा ने नचिकेता को कह दिया, ‘जा, मैं तुझे यमराज को दान करता हूं.’

गुफा से धरती पर आये थे यमराज

फिर क्या था, नचिकेता मृत्यु के देव यमराज का आह्वान करने लगे, लेकिन यमराज नहीं आये. बालक नचिकेता भी हठी था, अपनी जिद और पिता के वचन को निभाने के लिए यमराज का स्मरण जारी रखा. आखिर यमराज यहां अवतरित हुए और नचिकेता को समझाया कि अभी उसका यमलोक आने का समय नहीं हुआ है. नचिकेता के ढृढ़ संकल्प को देखते हुए यमराज ने तीन वर मांगने की बात कही, तो नचिकेता ने पिता की नारजगी खत्म करने, स्वर्ग जाने का रहस्य व मौत के बाद आत्मा का रहस्य जानने की बात कही. जिसके बाद यमराज ने नचिकेता को इन रहस्यों की जानकारी दी. माना जाता है कि यहां मौजूद गुफा से ही यमराज नचिकेता के पास पहुंचे थे.

ऐसे पहुंचे यम गुफा

अगर आप भी नचिकेता ताल स्थित यम गुफा को देखना चाहते हैं, तो आपको पहले उत्तरकाशी से 27 किलोमीटर दूर चौरंगीखाल आना होगा. यहां से तीन किलोमीटर के पैदल ट्रेक के बाद नचिकेता ताल पहुंचा जा सकता है. यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. नचिकेता ताल बेहद खूबसूरत है. इसके साथ ही आप यहां यम गुफा, शिव मंदिर समेत प्रकृति के शानदार नजारों के दीदार भी कर सकते हैं.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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