उत्तराखंड के इस मंदिर में भोलेनाथ को हर रोज 108 कमल चढ़ाते थे भगवान राम, ये थी वजह

कमल पिमोली/ श्रीनगर गढ़वाल. अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा को देशभर में उत्सव की तरह मनाया जाएगा. 22 जनवरी के दिन जिन्हें अयोध्या आने का निमंत्रण मिला है, वे अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) पहुंचने की तैयारियों में जुटे हुए हैं. वहीं दूसरी ओर उन मंदिरों में भी पूजा-अनुष्ठान किया जा रहा है, जहां से भगवान श्रीराम का संबंध रहा है. देवभूमि उत्तराखंड से भी भगवान राम का गहरा नाता रहा है. मान्यताओं के अनुसार, उन्होंने यहां गंगा संगम स्थल देवप्रयाग में घोर तपस्या की थी. वहीं श्रीनगर गढ़वाल स्थित सिद्धपीठ कमलेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पूजा-अर्चना की थी.मंदिर (Kamleshwar Mahadev Temple) के महंत आशुतोष पुरी ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर में 22 जनवरी को विशेष पूजा अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है. इसके साथ ही मंदिर में अखंड रामायण का पाठ भी कराया जाएगा. मकर संक्रांति (15 जनवरी) से 22 जनवरी तक यहां विभिन्न आध्यात्मिक गतिविधियां संचालित होंगी.

मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान राम लंका से रावण वध और वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे, तो उसके बाद वह ब्रह्महत्या के दोष से मुक्ति पाने के लिए देवभूमि आए थे. यहां उन्होंने गंगा संगम स्थल देवप्रयाग में तपस्या की. इसके बाद वह कमलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे. यहां स्वयंभू शिवलिंग पर उन्होंने एक माह तक प्रतिदिन 108 सहस्त्र कमल भगवान शिव को अर्पित किए थे, जिससे कि वह ब्रह्महत्या के दोष से मुक्त हो सकें.

हर साल होता है अनुष्ठान

उन्होंने आगे कहा कि मान्यता है कि तब से यहां हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष सप्तमी को घृत कमल का अनुष्ठान किया जाता है. इसमें भगवान शिव को 56 प्रकार का भोग लगाने के साथ 108 कमल अर्पित किए जाते हैं. बहरहाल इस अनुष्ठान में अभी समय है लेकिन 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर कमलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना, ब्राह्मणों द्वारा अखंड रामयाण पाठ से लेकर प्रसाद वितरण किया जाएगा. इसे लेकर मंदिर प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा सांसद तीरथ सिंह रावत भी यहां पहुंच स्वच्छता अभियान में शामिल होंगे.

Disclaimer: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. Local 18 किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.

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