उत्तराखंड की महिलाओं को हुनरमंद बनाएगी ये योजना, मिलेगा रोजगार, होगी आमदनी

कमल पिमोली/श्रीनगर गढ़वाल. महात्मा गांधी ने जिस खादी को देश की पहचान बनाई थी आज वह खादी महिलाओं के रोजगार का जरिया भी बन रही है. खादी का एक-एक धागा देश को आत्मनिर्भर बना रहा है. इन दिनों उत्तराखंड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा श्रीनगर गढ़वाल में 4 तकुवा पर ऊनी धागा प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय महिलायें प्रशिक्षण ले रही हैं.

श्रीनगर गढ़वाल खादी ग्रामोद्योग शाखा में महिलाओं को करघा मशीन चलाने के प्रशिक्षण के साथ सूत काटने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. गृहणी महिलाएं अपना घर का कार्य खत्म करने के बाद सुबह 10 बजे से यहां प्रशिक्षण केन्द्र में पहुंचती है, और करघा चलाकर सूट काटने का कार्य करती है. पहले से यहां कार्य कर रही महिलायें आज अच्छी आमदनी भी कमा रही है.

45 दिनों का है प्रशिक्षण
खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के कताई शिक्षक खुशी लाल आर्य ने बताया कि 25 सितंबर से यहां 4 तकुवे पर कताई प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है. आगामी 8 नवंबर तक यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जायेगा. इस दौरान महिलाओं को तकुवे पर सूत कताई की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके बाद तागा प्रशिक्षण व बुनाई के गुण भी महिलाओं को सिखाये जायेंगे. खुशी लाल आर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि जब इन महिलाओं को प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा उसके बाद इन्हें यहीं रोजगार भी उपलब्ध कराया जायेगा. आगे बताते हैं कि 10 महिलायें यहां कई सालों से स्वरोजगार कर रही हैं.

महिलायें बन रही आत्मनिर्भर
खुशी लाल आर्य बताते हैं कि कताई और बुनाई सीखने के बाद प्रशिक्षित महिलाओं को कच्चा माल उपलब्ध कराया जायेगा. जिससे धागा बनाने पर प्रति किलो 169 रुपये के अनुसार भुगतान किया जायेगा. बताया कि प्रशिक्षण के दौरान एक महिला को 10 किलो ऊन विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाता है. साथ ही प्रशिक्षण के दौरान प्रति व्यक्ति 1500 रुपये का मानदेय भी दिया जाता है.

ऐसे करें आवेदन
अगर आप भी खादी के वस्त्र बना स्वरोजगार की राह अपनाना चाहते हैं तो आप भी खादी ग्रामोद्योग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर में पहुंचकर आवेदन कर सकते हैं. अपने नजदीकी खादी ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केन्द्र में पहुंचकर योजना की जानकारी ले सकते हैं. समय-समय पर विभाग द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जाते हैं.इसके लिए आपको आधार कार्ड, फोटो व फार्म भरना होता है. जिसके बाद उच्च अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण करने के लिए चयनित किया जाता है.

सूती कपड़े पहनने के फायदे
सूती कपड़ा काफी नरम व मुलायम होता है, लिहाजा यह पहनने में सबसे ज्यादा आरामदायक होता है. सूती कपड़ा गर्मियों में पसीने को जल्दी सोख लेता है, जिससे शरीर को आराम मिलता है. लिहाजा गर्मियों के समय में लोग इसे पहनना अधिक पसंद करते हैं. वहीं यह कपड़ा प्राकृतिक धागे से बना होता है जिसकी वजह से त्वचा को कोई नुकसान नहीं ह़ोता है.

Tags: Local18, Pauri Garhwal News, Uttarakhand news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *