उत्तरकाशी सुरंग हादसा: बचाव अभियान का 7वां दिन, इंदौर से पहुंची नई बोरिंग मशीन

हाइलाइट्स

उत्तरकाशी में सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को बचाने का अभियान 7वें दिन में प्रवेश कर गया.
अब इंदौर से आ रही एक नई बोरिंग मशीन का इंतजार हो रहा है.
इसके दोपहर तक ऑपरेशन साइट पर पहुंचने की उम्मीद है.

उत्तरकाशी. उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्क्यारा-बरकोट सुरंग (Silkyara-Barkot Tunnel) के अंदर फंसे कम से कम 40 मजदूरों को बचाने का अभियान शनिवार को सातवें दिन में प्रवेश कर गया. बचावकर्मी शुक्रवार शाम तक ढही सुरंग (Uttarkashi Tunnel Collapse) में 24 मीटर तक मलबा निकालने में कामयाब रहे हैं. मजदूरों को निकालने में सक्षम बनाने के लिए 60 मीटर तक मलबा हटाने की जरूरत पड़ सकती है. फिलहाल एक नई बोरिंग मशीन का इंतजार हो रहा है. यह बोरिंग मशीन इंदौर से लाई जा रही है, जो देर शाम जौलीग्रांट एयर पोर्ट पर उतर चुकी है. इसे तीन ट्रकों के जरिए लाया जा रहा है. इस मशीन के दोपहर तक ऑपरेशन साइट पर पहुंचने की उम्मीद है. फिलहाल पूरा बचाव ऑपरेशन पिछले 32 घंटे से बंद पड़ा है.

इससे पहले 22 मीटर तक बोरिंग करने के बाद मशीन खराब हो गई थी. बताया गया है कि उत्तरकाशी टनल में अगले 30 से 35 मीटर की खुदाई के बाद अच्छी खबर मिल सकती है. सुरंग के भीतर करीब 60 मीटर पर मजदूरों के फंसे होने की आशंका है. वहीं पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ‘उत्तरकाशी में सुरंग निर्माण के दौरान हुए हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने का काम तेज गति से किया जा रहा है. आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार बचाव कार्यों का अपडेट ले रहे हैं. सभी श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकालने हेतु केंद्रीय एजेंसियों एवं प्रदेश प्रशासन की टीमें पूरी ताकत से जुटी हुई हैं.’

बचाव अभियान पर अपने नवीनतम अपडेट में राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) ने कहा कि फंसे हुए मजदूरों को निकालने का रास्ता तैयार करने के लिए पांचवें पाइप का उपयोग किया जा रहा है और उसको लगाया जा रहा है. सुरंग में फंसे हुए सभी मजदूर अब तक शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं. अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि फंसे हुए मजदूरों तक ऑक्सीजन, दवाएं, भोजन और पानी जैसी जरूरी आपूर्ति एयर-कंप्रेस्ड पाइप के जरिये पहुंचे.

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एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलखो ने कहा कि ‘सुरंग में फंसे लोगों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है… भोजन और पानी की आपूर्ति और फंसे हुए श्रमिकों की मनोवैज्ञानिक स्थिति अच्छी है… मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों द्वारा उनसे बात की जा रही है… वे सभी शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हैं.’ इस बीच जिन लोगों के रिश्तेदार फंसे हुए 40 मजदूरों में शामिल हैं, उन्हें सुरंग के अंदर एक पाइप के जरिये उनसे बात करने की अनुमति दी जा रही है. उत्तर प्रदेश के दो लोगों को अपने रिश्तेदारों से बात करने की अनुमति दी गई, जो फंसे हुए मजदूरों में शामिल हैं.

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