उज्जैन: फाग की मस्ती में चामुंडा माता मंदिर में महिलाओं के थिरके कदम, जमकर उड़ा गुलाल

शुभम मरमट/उज्जैन. फाग उत्सव यानी प्रेम और आनंद का पर्व. होली से पहले ही शहर में रंग बिखरने लगे हैं. चेहरे लाल-गुलाबी रंगों से सजने लगे हैं. होली पर्व को लेकर देशभर में तैयारियां जोरों पर हैं. बाजारों में रौनक है. खेतों में हरियाली के साथ मन में उल्लास देखने को मिल रहा है.

मां चामुंडा भजन मंडली ने मनाया फागोत्सव
अर्पिता सक्सेना, अर्चना गुप्ता ने बताया कि हर वर्ष की तरह बसंत पंचमी के बाद फाल्गुन का महीना शुरू हो जाता है. यह महीना श्रीकृष्ण को समर्पित है. फाल्गुन के महीने में होली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. महिला भजन मंडली की सदस्यों ने बताया कि ऐसा माना जाता है कि फाग महीने में कृष्णजी ने राधाजी व गोपियों के साथ में होली खेल कर रासलीला की थी और फाग महोत्सव मनाया था. तभी से परंपरा चली आ रही है. चामुंडा माता मंदिर में साल भर कई धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं. उसी कड़ी में यहां पर फाग महोत्सव मनाया गया है.

जमकर उड़ा रंग गुलाल
महिला मंडल के सदस्य ने बताया कि बरसाना, वृंदावन, मथुरा सभी जगह श्रीकृष्ण की रासलीला के साथ ही होली के लिए मशहूर है. वैसे ही मां छत्रेश्वरी चामुंडा माता के मंदिर पर शनिवार को फाग उत्सव मनाया गया, जिसमें समस्त महिला मंडल ने श्रीकृष्ण के साथ में होली खेली, साथ ही जमकर गुलाल भी उड़ाया.

फगुआ का मतलब क्या होता है?
अंग्रेजी कैलेंडर में यह मार्च का महीना है, लेकिन हिंदी पंचांग में फाल्गुन का महीना कहा जाता है. इसे ही देशज भाषा में फागुन कहा जाता है. फागुन में ही होली का त्योहार आता है और इस दिन रंग खेलने की परंपरा है. ऐसा बताया जाता है कि फाग उत्सव में भगवान श्री कृष्ण गोपियों के साथ में होली खेलने आते हैं, इसलिए कई जगह उत्सव का आयोजन किया जाता है.

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